राजस्थान विश्वविद्यालय के विज्ञान उपकरण केंद्र में चार महीने से बंद करोड़ों की मशीन
सेम (स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप)
— यह मशीन 2012 से विवि में है।— इस मशीन की कीमत 1 करोड़ रुपए है।
— मशीन से अब तक 1200 सैंपल टेस्ट हो चुकें।
इस मशीन का उपयोग: पदार्थ के नैनो कणों का आकार, आकृतियां और गुणों पर शोध करने के लिए।
टेम (ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप)
— इस मशीन की कीमत 5 करोड़ रुपए है।
— यह मशीन 4 महीने से बंद है।
इस मशीन का उपयोग: यह मशीन सेम से एडवांस है। पदार्थ के नैनो कणों का आकार, आकृतियां और गुणों पर शोध करने के लिए काम आती है।
स्क्विड: (मैग्नेटिक प्रॉपर्टी मिस्योरमेंट सिस्टम)
— यह मशीन 2015 में विवि में आई थी।— इस मशीन की कीमत 5 करोड़ रुपए है।
— यह मशीन 2 साल से बंद पड़ी है।
इस मशीन का उपयोग: पदार्थों के चुंबकीय गुणों के शोध में काम आती है।
स्थायी तकनीकी स्टाफ नहीं
विश्वविद्यालय में मशीनें तो करोड़ों की हैं, लेकिन इन्हें संचालित करने के लिए स्थायी तकनीकी स्टाफ नहीं है। विभागों में अस्थायी स्टाफ से काम चलाया जा रहा है। अस्थायी स्टाफ नहीं होने से मशीनें बंद रहती हैं।