धर्मांतरण रोक के लिए कठोर कानून की आवश्यकता : विहिप
धर्मांतरण रोक के लिए कठोर कानून की आवश्यकता : विहिप
जयपुर। विश्व हिन्दू परिषद ने धर्मांतरण (अवैध मतांतरण) को रोकने के लिए कठोर केन्द्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर सोमवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। विहिप प्रांत अध्यक्ष प्यारेलाल मीणा ने कहा कि 11 राज्यों में अवैध मतांतरण के विरुद्ध अधिनियम बनाए हैं, लेकिन इस राष्ट्रव्यापी षड्यंत्र की गंभीरता को देखते हुए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। प्रांत मंत्री अशोक डिडवानिया ने कहा कि समय-समय पर संविधान सदस्यों ने भी चिंता जताते हुए केंद्रीय कानून बनाने की जरूरत जताई थी। उस समय संविधान निर्माताओं ने आवश्यकता पड़ने पर कानून बनाने का आश्वासन भी दिया था।
ऐसी गतिविधियों के अध्ययन के लिए गठित नियोगी आयोग तथा वेणुगोपाल आयोग ने भी इसकी जरूरत जताई। सरला मुदगिल प्रकरण में तो सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं। धर्मांतरण के कारण भारत का जनसांख्यिकीय स्वरूप तथा अस्मिता संकट में है। इससे जुड़े हुए कई आपराधिक षड्यंत्र इन दिनों उजागर भी हुए हैं। इसीलिए राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन गया।
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