इसका खमियाजा छात्रों को उठाना होगा। सेमेस्टर सिस्टम के तहत विद्या संबल योजना के तहत शिक्षक लगाए जाएंगे। ऐसे में प्रक्रिया मेें देरी हई तो कॉलेजों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। दूसरी ओर सरकार विद्या संबल योजना के तहत अस्थायी शिक्षकों को 50 कलांश के हिसाब से भु्गतान करेगी। यानी अधिकतम 14 घंटे पूरे होने पर भुगतान किया जाएगा। पूर्व में अस्थायी शिक्षकों को प्रति माह के हिसाब से भुगतान किया जाता रहा है।
प्रिंसिपल गठित करेंगे कमेटी
अस्थायी शिक्षकों को भर्ती करने की प्रक्रिया प्रिंसिपल स्तर पर ही अपनाई जाएगी। प्रिंसिपल स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। पात्रता जांच, पैनल की जांच, अनुमोदित प्रिंसिपल स्तर पर गठित कमेटी करेगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयुक्तालय को एक सेंट्रलाइज पोर्टल विकसित करना चहिए। इससे ऑनलाइन पूरे राजस्थान की विषयवार रिक्त पद और उन पदों पर विद्या संबल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन, ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जा सके। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। समय कम खर्च होगा और जल्दी नियुक्ति हो सकेगी।
‘सरकार को पूरे सत्र के लिए आवेदन मांगने चाहिए। हर 6 महीने से आवेदन मांगने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। वहीं शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र भी देना चाहिए। नोडल महाविद्यालयों में भी रिक्त पदों पर लागू करना चाहिए, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिले।’– डॉ रामसिंह सामोता, सहायक आचार्य विद्या संबल योजना