अहम दृश्य फिल्माया
राठौड़ ने बताया कि कोलंबिया पिक्चर्स की इस डॉक्यूमेंट्री में जो सीन फिल्माया गया, वह अखाड़े में ही फिल्माया गया। फीमेल लीड कैरेक्टर को कुछ लोग परेशान करते हैं और हीरो अपनी प्रेमिका के लिए लड़ता है। फिल्म के एक अन्य खास सीक्वेंस को फिल्माने के लिए टीम सितंबर में फिर अखाड़े में उतरेगी। राठौड़ ने अपने अनुभव से अब तक जयपुर समेत, करौली, महवा, इंदौर समेत उत्तर भारत में 42 अखाड़ों की स्थापना कर चुके हैं। हठेसिंह की बगीची स्थित बलवंत व्यायामशाला करीब 250 साल पुरानी है। यहां गुरु-शिष्य परंपरा के तहत गुरु पदासीन होते हैं। सुमेर सिंह राठौड़ इस परंपरा में अखाड़े के पांचवे गुरु हैं। वर्तमान में उनके बेटे भगत सिंह अखाड़े के पदासीन छठे गुरु हैं। नए गुरु बनाए जाने के समय 150 साल पुरानी लाठी सौंपकर नेतृत्व का जिम्मा अगली पीढ़ी को दिया जाता है।
लड़कियां भी ले रही हैं प्रशिक्षण
लाठी चलाना, कराटे, बॉक्सिंग, अखाड़ा, कुश्ती समेत आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अखाड़े में 10 से 15 लड़कियां भी प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। 2005 में ग्लोबल लेवल पर बनी संस्था फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्पोट्र्स स्टिक एसोसिएशन के ग्लोबल चीफ टेक्निकल डायरेक्टर भी सुमेर सिंह रह चुके हैं। सुमेर सिंह ने बताया कि मार्च में भावनगर के पूर्व राजघराने से युवराज जयवीर राज सिंह गोहिल ने भी उनसे देशी अखाड़ा पद्धति के गुर सीखने की इच्छा जताई है। नीदरलैंड के रहने वाले फिटनेस ट्रेनर हर्बर्ट ने भी यहां से मुगदर चलने की शिक्षा ली है और उसे पूरी दुनिया में अपने इंस्टाग्राम चैनल और सोशल मीडिया के ज़रिये भारत की अनोखी अखाडा पद्धति को पहुंचा रहे हैं।