जयपुर

महंगी बिजली के विरोध में आज उद्योग बंद, करोड़ों का कारोबार प्रभावित…राजस्व में भी चपत

बिजली के बिल में फ्यूल सरचार्ज के मद में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने के विरोध में प्रदेश के उद्योगों ने एक दिन की सांकेतिक बंद किया है।

जयपुरMay 28, 2023 / 09:36 am

Narendra Singh Solanki

महंगी बिजली के विरोध आज प्रदेश के उद्योग बंद, करोड़ों को कारोबार प्रभावित…राजस्व में भी चपत

बिजली के बिल में फ्यूल सरचार्ज के मद में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने के विरोध में प्रदेश के उद्योगों ने एक दिन की सांकेतिक बंद किया है। एक दिन के इस बंद से जहां करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होगा, वहीं सरकार को भी लाखों रुपए की राजस्व हानि होगी। उद्योगों के शीर्ष संगठन यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) और विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से महंगी बिजली के कारण प्रदेश के उद्योग पहले ही त्रस्त थे, ऐसे में जयपुर,अजमेर व जोधपुर वितरण निगमों ने स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के मद में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करना प्रदेश के उद्योगों का भविष्य संकट में डालना है। चौधरी ने कहा कि सरकार जब तक इन समस्याओं का निराकरण नहीं करेगी तब तक विरोध जारी रहेगा और सरकार को चेताने के लिए रविवार को एक दिन का सांकेतिक उद्योग बंद रखा गया है। इस स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के कारण भारी भरकम बिल बन गया है, जो उद्योगों के बिजली खपत से ज्यादा है। उद्यमी इतना बिल जमा कराने की स्थिति में नहीं है।

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सरचार्ज बिल में लगने से भारी भरकम बिल बना

चौधरी ने कहा कि निगमों ने फ्यूल सरचार्ज 45 पैसे + स्पेशल फ्यूल सरचार्ज 7 पैसे= 52 पैसे प्रति यूनिट लगाया गया है, अब एक साथ पूरा बकाया सरचार्ज बिल में लगाने के कारण बहुत ज्यादा भारी भरकम बिल बन गया है जो उद्योगों के बिजली खपत से ज्यादा है। उघमी बिल जमा कराने की पोजीशन में नहीं है। नियामक आयोग के निर्णय के अनुसार 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बिलो में लगना चाहिए था। 7 पैसे प्रति यूनिट स्पेशल फ्यूल चार्ज के रूप में विद्युत कंपनियों ने गलत लगाया है।

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वेयरहाउस को उद्योगों का दर्जा दे सरकार

वेयरहाउस और गोदाम को नगरीय विकास विभाग ने उद्योगों का दर्जा दे रखा है, लेकिन रीको इसे उद्योगों का दर्जा नहीं दे रही है, इससे उद्योगों के सामने बहुत बड़ी समस्या आ रही है। वेयरहाउस और गोदाम उद्योगों का ही पार्ट है अगर उद्योगों में गोदाम नहीं होंगे तो माल कहां रखेंगे। इसलिए सरकार से निवेदन है कि नगरीय विकास विभाग की तरह रीको को भी वेयरहाउस और गोदाम को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाए।

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फायर एनओसी के नोटिस गलत

रीको औद्योगिक क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा अग्निशमन प्रमाण पत्र के लिए सभी उद्यमियों को नोटिस दिए जा रहे हैं जो कि अनुचित है, उद्यमी फायर एनओसी लेने की स्थिति में नहीं है। रीको औद्योगिक क्षेत्रों में सभी के पास 2000 गज तक के प्लॉट हैं। इस पर बहुत बड़े भवन उद्योगों के हिसाब से बने हुए हैं। इस पर एनओसी लेने का भारी-भरकम वित्तीय भार कई लाखों में आएगा, जो उघमी सहन नहीं कर पाएगा। औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की बहुत बड़ी भारी कमी है।

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