बोर्ड चेयरमैन आलोक राज ने कोर्ट को यह भी बताया कि गोपनीयता के चलते प्रश्न पत्र को पहले देखा नहीं जाता और मानकर चलते हैं कि दस फीसदी तक गलती भी हो सकती है। इसी दौरान कोर्ट ने बोर्ड के प्रोग्रामर का शपथ पत्र पेश होने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि शपथ पत्र चेयरमैन का मांगा था, तीन दिन में उनकी ओर से शपथ पत्र पेश किया जाए। न्यायाधीश समीर जैन ने निधि चौधरी व अन्य की याचिका पर गुरुवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया।
याचिका में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 की उत्तर कुंजी को लेकर सवाल उठाया गया है। कोर्ट ने कहा कि बोर्ड चेयरमैन तीन दिन में शपथ पत्र पेश कर बताएं कि मॉडल उत्तर कुंजी और अंतिम उत्तर कुंजी के परिणाम में कितना अंतर रहता है। बोर्ड की ओर से पेश प्रोग्रामर के शपथ पत्र में बताया कि बीते तीन साल में 78 भर्ती परीक्षाओं में डिलीट किए गए प्रश्नों का प्रतिशत 2.10 और बदले गए उत्तरों का प्रतिशत 1.60 है। इसमें यह भी कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने व्याख्याता भर्ती-2022 में 150 में से 17, वरिष्ठ शिक्षक भर्ती-2022 में 150 में से 8, व्याख्याता अर्थशास्त्र भर्ती-2020 में 150 में से 9 और व्याख्याता वाणिज्य भर्ती-2022 में 150 में से 7 प्रश्न डिलीट किए।
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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट भर्ती में भी सवाल डिलीट किए। इसके अलावा छत्तीसगढ राज्य लोक सेवा आयोग, गुजरात राज्य लोक सेवा आयोग और राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से आयोजित परीक्षाओं में भी प्रश्न डिलीट किए गए। उधर, प्रार्थीपक्ष की ओर से कहा कि बोर्ड ने सवाल हल करने के जो पैरामीटर बताए, उन्हीं के आधार पर जवाब दिए गए थे। इसके बावजूद बोर्ड याचिकाकर्ताओं के जवाब को सही नहीं मान रहा और गैर मान्यता प्राप्त पुस्तकों व विकिपीडिया के आधार पर सवालों के जवाब सही मान रहा है।