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राजस्थान राज्य में बेमौसम बारिश से 1.50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। राजस्थान में मुख्य रूप से हाड़ौती क्षेत्र- बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा में सोयाबीन की बुआई की जाती है। राजस्थान में इन 4 जिलों की सोयाबीन उत्पादन में 75 फीसदी हिस्सेदारी है। इन इलाकों में 1.50 लाख मीट्रिक टन या 675 करोड़ रुपए के सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है और कोटा जिले में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान करीब 20 से 25 फीसदी तक हुआ है।
राजस्थान राज्य में बेमौसम बारिश से 1.50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। राजस्थान में मुख्य रूप से हाड़ौती क्षेत्र- बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा में सोयाबीन की बुआई की जाती है। राजस्थान में इन 4 जिलों की सोयाबीन उत्पादन में 75 फीसदी हिस्सेदारी है। इन इलाकों में 1.50 लाख मीट्रिक टन या 675 करोड़ रुपए के सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है और कोटा जिले में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान करीब 20 से 25 फीसदी तक हुआ है।
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देश में सोयाबीन का 3.25 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा का पिछला बकाया स्टॉक है। फसल वर्ष की शुरुआत में सामान्य स्टॉक से 4 गुना अधिक के स्तर पर है। सरसों के उत्पादन का आधा हिस्सा जो कि किसानों और स्टॉकिस्ट के पास है, अभी भी बाजार में नहीं आया है। सरसों की बुआई अक्टूबर या नवंबर 2022 की शुरुआत तक होगी।
देश में सोयाबीन का 3.25 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा का पिछला बकाया स्टॉक है। फसल वर्ष की शुरुआत में सामान्य स्टॉक से 4 गुना अधिक के स्तर पर है। सरसों के उत्पादन का आधा हिस्सा जो कि किसानों और स्टॉकिस्ट के पास है, अभी भी बाजार में नहीं आया है। सरसों की बुआई अक्टूबर या नवंबर 2022 की शुरुआत तक होगी।