यहां भरे हैं तांबे के भंडार खेतड़ीनगर, कोलिहान, सिंघाना, खेतड़ी, बनवास, चांदमारी, धानी बासरी, बनीवाला की ढाणी, ढोलामाला, अकवाली, पचेरी, रघुनाथगढ़, माकड़ो, बागेश्वर, खरखड़ा, श्यामपुरा भिटेरा, वसंत विहार, जसरापुर, मुरादपुर, भोदन इश्कपुरा व आस-पास के गांवों की पहाडिय़ों व जमीन के नीचे तांबे के भंडार हैं।
एशिया में था पहला स्थान हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की केसीसी इकाई का तांबा उत्पादन में एशिया में पहला स्थान था। केसीसी प्लांट तो सिर्फ 3 से 4 किलोमीटर इलाके में ही खनन कर रहा है।
6 स्तर पर खनन तांबे का खनन करने के लिए माइनिंग खान में 6 लेवल पर खनन किया जा रहा है। जीरो लेवल अंतिम खनन पॉइंट है, जमीन से करीब 370 मीटर नीचे है। यह महासागर तल के बराबर है। फिलहाल अंतिम 3 लेवल पर ही खनन कार्य किया जा रहा है। खेतड़ी तांबा श्रमिक संघ के बिडदूराम सैनी व बीएमएस के श्यामलाल सैनी ने बताया कि अब भी खेतड़ी के केसीसी प्लांट के पास पहाडिय़ों में तांबा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां इतना तांबा है कि अगले सौ साल से ज्यादा समय तक दिन-रात खनन किया जाए तो भी पूरा तांबा नहीं निकाला जा सकता।
सर्वे के अनुसार यहां इतना तांबा माइन – रॉ मेटेरियल – तांबे की ग्रेड खेतड़ी माइन – 32 एमटी – 1.13 चांदमारी माइन – 6.07 एमटी – 1.03 बनवास ब्लॉक – 24.77 एमटी – 1.69
कोलीहान माइंस – 19.46 एमटी – 1.32 चांदमारी कोलिहान इंटरवेलिंग ब्लॉक – 12.10 एमटी – 1.02 ( आंकड़े जीएसआइ के सर्वे के अनुसार, ग्रेड प्रतिशत सीयू में,एमटी: मिलियन टन)