बड़ा सवाल… कॅरियर बिगड़ तो नहीं रहा
एक ओर राज्य सरकार नशे को रोकने के लिए नित नए अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर एसएमएस स्टेडियम में नशे का सामान मिलना खेल और खिलाड़ियों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। नशे की यह सामग्री खिलाड़ी लाते हैं या कोई और, ऐसे में सोचने की बात है कि ओलंपियन बनने का सपना लेकर आने वाले बच्चे यहां इन लतों के शिकार होकर कॅरियर तो बर्बाद नहीं कर रहे। क्रीडा परिषद को व्यवस्थाएं सुधारनी होंगी, ताकि खेल प्रतिभाएं नशे की लत में बर्बाद न हो जाएं।
मुख्य भवन स्वच्छ, अन्य हिस्सों में गंदगी
स्टेडियम का मुख्य भवन, जहां सचिव और चेयरमैन बैठते हैं, नियमित रूप से साफ-सुथरा रखा जाता है। लेकिन अन्य क्षेत्रों में गंदगी का आलम है। खेल एकेडमियों के आसपास भी सफाई का अभाव है। स्टेडियम के चारों गेटों की चिंताजनक स्थिति
● दक्षिण गेट: हॉकी स्टेडियम के पास बने शौचालयों में शराब की बोतलें और सिगरेट के पैकेट मिलते हैं। शौचालय जर्जर हालत में हैं, जिससे उनका उपयोग करना मुश्किल है।
● पश्चिम गेट: एथलेटिक्स ग्राउंड के पास नशे के इंजेक्शन और दवाइयों के पैकेट पाए गए। ● पूर्व गेट: टोंक रोड की ओर स्थित इस गेट की दीवारें इतनी छोटी हैं कि लोग आसानी से फांदकर अंदर आ सकते हैं। एक कर्मचारी ने बताया कि दीवार फांदकर लकड़ियां तोड़ने आए युवकों को रोकने पर वे भाग गए।
● उत्तर गेट- वॉकिंग ट्रैक और दीवारों के पास शराब की बोतलें और अन्य नशे की सामग्री बिखरी रहती हैं।
महिला खिलाड़ियों में असुरक्षा का माहौल
स्टेडियम में बालिकाओं की वॉलीबॉल और हैंडबॉल एकेडमियां चलती हैं। यहां शराबी और नशेड़ी लोगों की गतिविधियों के कारण बेटियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। एक महिला खिलाड़ी ने बताया कि शाम के समय बाहर निकलने में डर लगता है। एकेडमी गेट के बाहर भी शराब की बोतलें पाई जाती हैं। स्टेडियम की सुरक्षा के लिए गार्ड लगाए गए हैं और एक जनवरी से एंट्री के लिए कार्ड सिस्टम लागू किया गया है। नशे का सामान मिलने की जानकारी अभी तक मुझे नहीं मिली है। यदि ऐसा है तो जांच कर सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। – राजेंद्र सिंह सिसोदियासचिव, राज. राज्य क्रीड़ा परिषद
साइकिलिंग वेलोड्रम
वेलोड्रम के पीछे का इलाका सुनसान है और वहां शराब की बोतलों का ढेर पाया गया। इस क्षेत्र में गार्ड की कमी और बाहरी लोगों की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं।