इस तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण में सटीकता, पैर का सही अलाइन्मेंट संभव
एसएमएस अस्पताल में ऑर्थोपेडिक विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. आरसी बंसीवाल ने बताया कि यह तकनीक उन मरीजों के ऑपरेशन के दौरान सबसे ज्यादा फायदेमंद है, जिन्हें घुटनों या कूल्हों के जोड़ बदलने होते हैं। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण में सटीकता, पैर का सही अलाइन्मेंट, तथा त्रुटि रहित जोड़ लंबे समय तक टिके रहने में सहायता मिलती है। डॉ बंसीवाल ने आगे बताया कि कंप्यूटर नेविगेशन से जॉइंट रिप्लेसमेंट करने से मरीज को कम चीरा लगाना पड़ता है और रक्तस्राव भी कम होता है। मरीज का पैर बिल्कुल सीधा हो जाता है। ऑपरेशन के दिन शाम से ही मरीज चलने लगता है। कुछ ही दिनों में मरीज अपनी दिनचर्या पहले की तरह करने लगता है।