ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि बिजनेस ग्रोथ के लिए मां स्कंदमाता की उपासना सर्वोत्तम उपाय है। दरअसल दुर्गाजी के नौ रूप नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। इनमें पांचवां स्वरूप मां स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। बुध ग्रह व्यापार—व्यवसाय के कारक ग्रह हैं। देवी स्कंदमाता की पूजा से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं। इससे उनके बुरे प्रभाव कम होते हैं और वे अच्छे फल देना प्रारंभ करते हैं। इस प्रकार धीरे—धीरे व्यसायिक प्रगति होने लगती है. यही कारण है कि स्कंदमाता की पूजा व्यापारियों के लिए सर्वाधिक फलदायी होती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार मां स्कंदमाता की चार भुजाओं वाले कमल पर विराजमान स्वरूप की विधिविधान से पूजा करना चाहिए। देवी के दो हाथों में कमल, एक हाथ में कार्तिकेय और एक हाथ वर मुद्रा में रहते हैं। उनकी स्तुति निम्न श्लोक से करें—
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।