साथी को बचाते-बचाते गई जान सिक्किम त्रासदी में शहीद होने वाले जवान सीकर के पलसाना इलाके के माजीपुरा निवासी हवलदार सज्जन सिंह खीचड़ है। खीचड़ 18 महार रेजीमेंट में थे। जानकारी के अनुसार हवलदार सज्जन सिंह खीचड़ अपनी यूनिट के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बारडांग में तैनात थे। गत 04 अक्टूबर को सीवी ग्रांउड पर अचानक आई बाढ़ में वे अपने सैनिकों को निकालने में जुटे थे। इसी दौरान वे पानी के बहाव में लापता हो गए थे। उनकी पार्थिव देह आज रात तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है।
तीन साल की मासूम बेटी
राजस्थान के ही दूसरे शहीद रलावता, करौली के रहने वाले शिवकेश गुर्जर है। ये आर्मी की मेडिकल कोर में कार्यरत थे। शिवकेश भी सीवी ग्राउंड पर आई बाढ़ में लापता हो गए थे। शिवकेश के तीन साल की मासूम बेटी है। उनकी पत्नी का नाम कृष्णा है।
राजस्थान के ही दूसरे शहीद रलावता, करौली के रहने वाले शिवकेश गुर्जर है। ये आर्मी की मेडिकल कोर में कार्यरत थे। शिवकेश भी सीवी ग्राउंड पर आई बाढ़ में लापता हो गए थे। शिवकेश के तीन साल की मासूम बेटी है। उनकी पत्नी का नाम कृष्णा है।
आपदा से 22 हजार लोग प्रभावित
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है। जबकि आपदा से 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उत्तरी सिक्किम के लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्राकृतिक आपदा में 3,000 से ज्यादा पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है। जबकि आपदा से 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उत्तरी सिक्किम के लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्राकृतिक आपदा में 3,000 से ज्यादा पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।