जयपुर

टीके से कुशल सब ‘जहान ‘, बस चंद हुए परेशान

राज्य 10 करोड़ कुल डोज की ओर..90.93 करोड़ में से 2 हजार ने झेले न्यूरो, बीपी, श्वांस संबंधी दुष्प्रभाव..
राजस्थान कोविड वैक्सीनेशन दुष्प्रभाव कमेटी की रिपोर्ट

जयपुरMar 09, 2022 / 01:51 pm

Vikas Jain


विकास जैन

जयपुर. राज्य में कोविड—19 टीके की दोनों डोज का आंकड़ा अब 10 करोड़ के नजदीक है। अब तक 9.93 करोड़ से अधिक लोगों ने पहली, दूसरी सहित बूस्टर डोज लगवाई है। इनमें से 0.002 प्रतिशत के साथ करीब 2 हजार लोगों ने टीके के दुष्प्रभावों का सामना किया है। राजस्थान कोविड वैक्सीन एडवर्स की समीक्षा के लिए बनी कमेटी में यह सामने आया है। हालांकि राहत की बात यह है कि दुष्प्रभाव वाले मामले सामान्य ही हैं और इनमें से कोई गंभीर नहीं है।

अधिकांश मामले न्यूरो, हृदय, डायबिटीज की बीमारियों से पहले से जूझ रहे मरीजों के हैं। इसके अलावा सामान्य श्वांस संबंधी परेशानियां भी देखी गई हैं। कुछ मरीजों में टीके के बाद बीपी की परेशानी भी देखी गई है। राहत यह है कि अभी तक करीब करीब सभी मामले सामान्य दुष्प्रभाव के ही देखे गए हैं। राज्य स्तर पर गठित इस कमेटी में शीर्ष मेडिसिन, हृदय, न्यूरो, शिशु व अन्य विशेषज्ञों सहित विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े चिकित्सक शामिल हैं। इस कमेटी की समीक्षा के नतीजों का राज्य स्तर पर विश्लेषण कर केन्द्र सरकार के पास भेजा जा चुका है। यह कमेटी हर शनिवार को आनलाइन मीटिंग कर दुष्प्रभाव के केस की समीक्षा कर रही है।

शुरूआत में अधिक, अब दुष्प्रभाव के कम मामले

जनवरी 2021 में देशव्यापी कोविड वैक्सीनेशन की शुरूआत के समय राज्य में भी इसके दुष्प्रभाव के काफी मामले सामने आए, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे यह संख्या कम होती गई। विशेषज्ञों के अनुसार शुरूआत में लोगों में भय का माहौल था, इसलिए अधिक मामले इस तरह के सामने आए। धीरे—धीरे कोविड टीके का बेहतर असर सामने आने के बाद यह संख्या कम होती गई।

कमेटी के आंकलन का आधार

. वैक्सीन लगने के कितनी देर बाद दुष्प्रभाव सामने आए
. चंद समय में होने वाले दुष्प्रभाव के मामले को टीके से जोड़कर देखा जाता
. बीपी, डायबिटीज, श्वांस व पहले से अन्य बीमारियों के शिकार मरीजों में सामान्य दुष्प्रभाव के मामल अधिक
. टीका लगने के काफी समय बाद दुष्प्रभाव सामने आने पर व्यक्ति की बीमारियों की पूरी हिस्ट्री देखी जाती है
. देरी से दुष्प्रभाव लेकर आने वाले लोगों की बीमारी हिस्ट्री को जोड़कर विश्लेषण किया जाता है कि यह प्रभाव टीके से है या किसी अन्य कारण से
. स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सब सेंटर के चिकित्सक और स्टाफ इसका आंकलन करते हैं और लक्षणों के आधार पर इसकी रिपोर्ट करते हैं



अब बहुत कम दुष्प्रभाव के मामले सामने आ रहे है। शुरूआत में लोगों में घबराहट अधिक थी। जैसे जैसे वैक्सीनेशन बढ़ता गया, वैसे वैसे कम होती गई। पहली और दूसरी डोज में दुष्प्रभाव का गणित करीब करीब एक जैसा ही है। वैसे अभी टीकाकरण कम ही है। स्कूलों मं परीक्षाएं चलने के कारण भी संख्या कम है। दुष्प्रभाव का आंकलन देश के सभी राज्यों में हो रहा है।
डॉ.रघुराज सिंह, राज्य नोडल अधिकारी, टीकाकरण



टीका लगने के बाद हृदय संबंधी समस्या का बड़ा मामला तो सामने नहीं आया, लेकिन बीपी सहित छोटी—छोटी परेशानियों के मरीज आते रहे हैं।
डॉ.जी.एल.शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ



राज्य में अभी तक एडवर्स प्रभाव के जितने भी मामले आए हैं, उनमें गंभीर कोई नहीं है। सामान्य दुष्प्रभाव के कुछ मामले सामने आते हैं। हर शनिवार को हम इसकी आनलाइन मीटिंग कर समीक्षा करते हैं।

डॉ.अशोक गुप्ता, चेयरमेन, एडवर्स इफेक्ट आफ कोविड वैक्सीनेशन कमेटी

वैक्सीनेशन फैक्ट

कुल डोज लगी 9.93 करोड़
पहली डोज 5.38 करोड़
दूसरी डोज 4.41 करोड़
कुल वैक्सीन डोज मिली अब 9.96 करोड़
पहली डोज का लक्ष्य हासिल 98.3 प्रतिशत
दूसरी डोज का लक्ष्य हासिल 83.5

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