उधर पूछताछ में गिरफ्तार उप निरीक्षक जगदीश सिहाग ने बताया कि 4 मार्च को वर्षा यह भनक लग गई थी कि एसओजी को उसकी कुंडली मिल गई है। तब उसने अपना ठिकाना छोड़ दिया था। जोधपुर में वर्षा अपने ममेरे भाई के साथ रहती थी। ममेरे भाई ने वर्षा को पूछा कि वह कहां है, तब उसने एक धार्मिक स्थल जाने की बात कही और ममेरे भाई के अकाउंट में जगदीश सिहाग से 2000 रुपए डलवाए थे। ममेरा भाई श्रवण कुमार माउंट आबू से बीएड कर रहा है।
वर्षा ने 2000 रुपए भिजवाने के साथ श्रवण को घूम आने की नसीहत भी दी। एसओजी सूत्रों के मुताबिक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में चार अन्य प्रशिक्षु थानेदारों के खिलाफ कुछ सबूत मिले हैं, जिनकी तस्दीक के बाद जल्द उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। प्रशिक्षण ले रहे थानेदारों में बड़ी संख्या में पेपर लीक व डमी अभ्यर्थी के जरिए चयनित होने वाले भी बताए जा रहे हैं।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक वर्षा बिश्नोई के पकड़े गए रिश्तेदार व अन्य परिचितों से पूछताछ में सामने आया कि वह कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनी थी। डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने पर उसे मोटी रकम मिलती थी।
एसओजी के मुताबिक ही उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर दूसरे व तीसरे दिन लीक हुआ। लेकिन वर्षा पहले दिन हुई परीक्षा में भी बिना पेपर देखे पास हुई, जबकि दूसरे व तीसरे दिन की परीक्षा उसने लीक पेपर देखकर दी।