बता दें, हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग, पासिंग आउट परेड और फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक मामले का निपटारा नहीं हो जाता, कोई नई प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी।
सरकार ने पेश किया ये जवाब
दरअसल, राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 को रद्द नहीं किया जाएगा। सरकार का कहना है कि SIT की जांच जारी है और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो रही है।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने कोर्ट को बताया कि स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) ने भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है। पुलिस मुख्यालय ने भी इस सिफारिश का समर्थन किया है। एडवोकेट जनरल (AG) ने भी सलाह दी है कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर, फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने इन सभी सिफारिशों को अनदेखा करते हुए अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग और पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिसे कोर्ट ने रोक दिया है। याचिकाकर्ता के वकील हरेन्द्र नील ने कहा कि सरकार का जवाब गोलमोल है। सरकार गुमराह करने का प्रयास कर रही है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
हाईकोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी
हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास SIT, पुलिस मुख्यालय और AG की राय है, फिर भी आप निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं। हमें याचिकाकर्ता की मांग पर फैसला लेना है, भर्ती रद्द करना या नहीं करना मुख्यमंत्री का काम है। पब्लिक में सभी जरूरी सामग्री उपलब्ध है, लेकिन कोर्ट को स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही।
वहीं, SI भर्ती 2021 पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार को अतिरिक्त समय देने की मांग पर कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अपनी कमेटी, अपनी SIT और अपने AG की राय पर विश्वास नहीं है क्या या इन तीनों राय का कोई महत्व नहीं है क्या?
क्या है SI भर्ती का मामला?
बताते चलें कि एसआई भर्ती 2021 में पेपर लीक केस में एसओजी अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से 25 को जमानत मिल चुकी है। वहीं, पुलिस विभाग ने 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में जयपुर और उदयपुर रेंज में 11, बीकानेर रेंज में 8, और अजमेर रेंज में 1 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया। गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में पेपर लीक के चलते यह विवादों में है। अब तक SOG ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने सरकार को पहले ही 6 सप्ताह का समय दिया था और फिर अतिरिक्त 48 घंटे का मौका दिया, लेकिन स्पष्ट निर्णय न लेने पर नाराजगी जताई।