दरअसल, 2021 की इस भर्ती में धांधली के आरोप लगने के बाद हाईकोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद कुछ चयनित ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर्स को जिलों में फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और ट्रेनिंग-पोस्टिंग पर रोक लगा दी।
डिवीजन बेंच ने फिलहाल सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ताओं को 10 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
डिवीजन बेंच में हुई थी अपील
बताते चलें कि ट्रेनिंग ले रहे करीब 50 सब-इंस्पेक्टर्स ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी। उनका तर्क था कि अनुचित साधनों के कारण पूरी भर्ती रद्द करना सही नहीं। जिन अभ्यर्थियों पर आरोप हैं, उनके खिलाफ जांच और ट्रायल चल रहा है। कोई ढंग के आरोप न होने के बावजूद भर्ती पर रोक लगाना अनुचित है।
परीक्षा रद्द करना ‘कलंक’ के समान
अपीलकर्ताओं ने कोर्ट में तर्क दिया कि परीक्षा रद्द करना चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य पर विपरीत प्रभाव डालेगा। कई चयनित अभ्यर्थी पहले से सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। बिना जांच पूरी हुए परीक्षा को रद्द करना उनके लिए एक कलंक जैसा है। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में स्पष्ट किया कि फिलहाल वह इस भर्ती को रद्द करने या उसे बहाल करने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं ले सकती। जांच के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
क्या है SI भर्ती का मामला?
गौरतलब है कि SI भर्ती-2021 में पेपर लीक और धांधली के आरोपों के बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। एसआईटी और कैबिनेट सब-कमेटी की जांच में भी गड़बड़ी के संकेत मिले थे। अब हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भर्ती पर रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि फील्ड ट्रेनिंग और पोस्टिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। एसआई भर्ती 2021 में पेपर लीक केस में एसओजी अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से 25 को जमानत मिल चुकी है। वहीं, पुलिस विभाग ने 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में जयपुर और उदयपुर रेंज में 11, बीकानेर रेंज में 8, और अजमेर रेंज में 1 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया है।