दरअसल इंटरव्यू के दौरान ट्रेनी थानेदार हरिओम को सिर्फ 28 नंबर मिले थे। उस पर आरोप लगे थे कि उसने अपनी जगह पर डमी बिठाकर परीक्षा पास की है। इसकी पुष्टि के लिए एसओजी ने हरिओम की उत्तर पुस्तिका और अन्य सबूतों का मिलान किया। उसके हस्ताक्षर को फोरेसिंक में जांच के लिए भेजा गया। लेकिन उसकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि यह हस्ताक्षर हरिओम के ही हैं। इधर, हरिओम के खिलाफ एसओजी अन्य कोई सबूत भी इकट्ठा नहीं कर पाईए इसलिए अब हरिओम की रिहाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया है।
हरिओम पाटीदार…. राजस्थान के डूंगरपुर जिले के गलियाकोट कस्बे का रहने वाला है। उसने एसआई भर्ती परीक्षा में 645वीं रैंक पाई थी। सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की लिखित परीक्षा में हरिओम को हिंदी में 200 में से 169.69 और सामान्य ज्ञान में 200 में से 118.46 अंक मिले थे। कुल 400 में से 288.15 अंक मिले।
उधर इस मामले के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि एसओजी एक मामले में सबूत पेश नहीं कर सकी है , तो क्या एसआई भर्ती 2021 में पकड़े गए और जेल भेज दिए गए थानेदारों के मामलों में एसआई के पास पर्याप्त सबूत हैं ? कहीं वे लोग भी सबूतों के अभाव में तो नहीं छूट जाएंगे…? मालूम हो कि उनमें से कई ट्रेनी थानेदारों ने जमानत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।