भीड़ और जाम से बचने के लिए भक्तों ने अलसुबह से ही आमेर पहुंचना शुरू कर दिया था। हर कोई मातारानी के दरबार के दर्शन को आतुर नजर आया। जैसे-जैसे समय बीतता गया मंदिर में दर्शन करने वालों की भीड़ बढऩे लगी। सुरक्षाकर्मियों को भी व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आमेर के जलेब चौक में मेले-सा माहौल था।
कोई दण्डवत आया, तो कोई पैदल पहुंचा
मातारानी के जयकारों के बीच कोई दण्डवत करता दरबार में हाजिरी लगाने आया तो कोई पैदल चलकर। इस दौरान कई दिव्यांग भी दरबार में मैया के दर्शन पाने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते नजर आए। लोगों ने मातारानी के जयकारों के साथ पट खुलने का इंतजार किया।
मंगलवार को भरेगा छठ का मेला
पट खुलने के बाद भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस-प्रशासन को काफी मेहनत करनी पड़ी। आमतौर पर साढ़े बारह बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं लेकिन रविवार का दिन होने के कारण मंदिर के पट करीब दो बजे तक खुले रहे। इस दौरान भक्तों की सेवा करने में जुटे सेवादारों ने प्याऊ लगा लोगों की प्यास बुझाई। मंगलवार को आमेर में छठ का मेला भी भरेगा। इससे पूर्व सोमवार को होने वाली निशा पूजा में पूर्व राजपरिवार के लोग भी शामिल होंगे।