तालकटोरा अब नया टूरिस्ट स्पॉट बनेगा। इसके लिए बोटिंग की तैयारी तेज कर दी गई है। खास बात यह है कि यहां शिकारा भी चलेगा। इससे तालकटोरा में कुछ समय बिताया भी जा सकेगा। यहीं पर्यटकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी। पहली बार पर्यटकों को शिकारा की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए अभी तक कश्मीर-केरल व दक्षिण भारत के अन्य शहरों में जाना पड़ता है।
हालांकि, यहां और क्या-क्या सुविधा दी जा सकती है, इसका आइडिया लेने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ईआईओ (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जारी कर रही है। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के सचिव जोगाराम ने भी विस्तृत प्लान की जानकारी ली है। तालकटोरा के रिनोवेशन पर 12 करोड़ खर्च किए गए हैं।
कंपनियां बताएंगी मॉडल
ईआईओ के जरिए कंपनियां बोटिंग, रेस्टोरेंट व अन्य गतिविधियों के संचालन का मॉडल बताएंगी। मुख्य रूप से रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल होगा, जिससे इसे कम से कम 5 साल तक आसानी से चलाया जा सके।
प्रस्तावित किराया
पैडल बोट- 25 व 40 रुपए
मोटर बोट- 30 व 50 रुपए
डबल डेकर- 200 रुपए तक
शिकारा- 100 से 150 रुपए
(इसमें बच्चों व बड़ों की किराया राशि अलग-अलग है)
नालों के गेट किए बंद
तालकटोरा में अभी तक नाले खुले हुए थे, जिससे शहर के बड़े इलाके का गंदा पानी उसी में गिरता था। अब इन सभी नालों को बंद कर दिया गया है। जहां से इन नालों में पानी पहुंचता था, उन इलाकों के पानी की निकासी भी दूसरी जगह से की गई है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आरटीडीसी ने यहां जीर्णोद्धार का काम कराया है। तालकटोरा के चारों ओर बिल्डिंग व छतरियों को भी सुधारा गया है।
हर दिन एक एमलडी साफ पानी पहुंचेगा
तालकटोरा में चौगान स्टेडियम में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए पाइपलाइन बिछा दी गई है। यहां एक एमएलडी क्षमता का प्लांट है, जिससे सीवर का पानी परिशोधित कर सप्लाई की जाएगी।
पार्किंग की होगी चुनौती
स्मार्ट सिटी कंपनी इसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन तो बना रही है, लेकिन चुनौती पार्किंग की होगी। यहां तालकटोरा के सामने पौण्ड्रिक उद्यान के बाहर पार्किंग की जगह है, लेकिन यहां कुछ ही दोपहिया-चौपहिया वाहन खड़े हो सकते हैं। अभी पौण्ड्रिक उद्यान आने वाले लोगों के लिए ही जगह कम पड़ रही है। ऐसे में तालकटोरा पहुंचने वालों की वाहन पार्किंग कहां होगी, इसका प्लान नदारद है। इसकी व्यवस्था नहीं होगी तो यह मॉडल फेल हो सकता है।