हजरत इमाम हुसैन के चालीसवें पर रविवार को शहर में अकीदतमंदों ने जंजीरी मातम ( matam-e-husain ) किया। इस मौके पर रामगढ़ रोड स्थित कर्बला शरीफ में बड़ी संख्या में अकीदतमंद पहुंचे। इस दौरान घरों में मिलाद शरीफ व फातेहा भी दिलाई गई। अकीदतमंदों की ओर से घरों में मिलाद शरीफ पढऩे के साथ ही गरीबों को खाना भी खिलाया गया।
हुसैन की सदाएं गूंज उठीं ( Matam Muharram Jaloos ) चालीसवें के दौरान शिया समुदाय की ओर से कौमी इमाम बारगाह मोहल्ला पन्नीगरान में मजलिस हुई। जिसमें अनवर खान, मंसूर जैदी ने सोज और सलाम पढ़ा। मौलाना सैय्यद नाजिश अकबर काजमी ने अपनी तकरीर मेें इमाम हुसैन की जिंदगी पर रोशनी डाली। इसके बाद दोपहर में इमाम बारगाह से जुलूस रवाना हुआ। जुलूस कुम्हारों की नदी से सुभाष चौक होता हुआ तकवी मंजिल पहुंचा। जहां जंजीरी मातम भी हुआ। इस बीच लबैक या हुसैन की सदाएं गूंज उठी।
मौलाना सैय्यद आबिद अली जैदी ने पेश की तकरीर ( shia matam in karbala ) यह जुलूस यहां से कर्बला के लिए रवाना हुआ। जुलूस के दौरान अकीदतमंदों को जगह-जगह शर्बत व खीर भी बांटी गई। अंजुमने मोइनुल अजा के सदर सैयद जाफर तकवी ने बताया कि कर्बला में मौलाना सैय्यद आबिद अली जैदी ने तकरीर पेश की।
स्वच्छता का सन्देश भी दिया जुलूस में खास बात यह रही कि अंजुमन ए मेहदी अ. के मेंबर्स ने क्लीन जुलूस कैम्पिंग के ज़रिए जयपुर को स्वच्छता का सन्देश दिया। इस दौरान युवाओं ने जुलूस के रास्ते में साफ-सफाई की। युआओं की इस पहल की काफी सराहना भी हुई।
पाकीजगी को इस्लाम में आधे ईमान का दर्जा अंजुमन ए मेहदी अ. के मेम्बर फरहान रिज़वी ने बताया कि इस्लाम में सफाई की बड़ी अहमियत है। पाकीजगी यानि स्वच्छा को इस्लाम में आधे ईमान का दर्जा दिया गया है। इसी बात के मद्देनजर हमने जुलूस के दौरान कैम्पिंग के ज़रिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की।