राजस्थान का अद्भुत शीतला माता मंदिर, जहां पहाड़ी का हर पत्थर पूजा जाता है माता के रूप में
जयपुर•Mar 08, 2018 / 06:58 pm•
dinesh
शील की डूंगरी पर स्थित शीला माता का ये मंदिर 500 वर्ष पुराना बताया जाता है। यहां मंदिर से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है शीतला माता का मंदिर। चाकसू कस्बे में स्थित माता का ये मंदिर एक पहाड़ी पर दूर से ही नजर आ जाता है।
चैत्र माह में शीतला अष्टमी यानि बास्योड़ा के मौके पर यहां दो दिवसीय लक्खी मेला भरता है। इस स्थान को शील की डूंगरी के नाम से भी जाना जाता है।
माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाता है। आमतौर पर लोग पुएं, पकौड़ी, राबड़ी आदि घर से बनाकर लाते है और यहां माता को भोग लगाकर के बाद ही उसे खाते है।
शील की डूंगरी पर बने माता के मंदिर की पहाड़ी भी अनोखी है। इस पहाड़ी का पत्थर माता की मूर्ति के रूप में पूजा है। इसलिए लोग यहां से पत्थर भी अपने घर पर लेकर जाते हैं। इस पत्थर की बनावट को माता के रूप में जाना व पूजा जाता है।
बच्चों में माता निकलने यानि चेचक की बीमारी के बाद यहां माता के मंदिर में बच्चों को ढोक लगवाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
करीब तीन सौ मीटर की चढ़ाई चढऩे के बाद जैसे ही माता के दर्शन होते है भक्तों को काफी आनंद की अनुभूति होती है। मंदिर तक जाने के लिए सीढिय़ों का रास्ता है।
आरोग्य और सुख की कामना से दूर-दूर से आए भक्त ने माता के समक्ष धान का भी दान करते हैं।
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