ऐसे करें इन्वेस्टमेंट की शुरुआत
अगर आप वर्किंग हैं तो अपने वेतन का एक निश्चित अमाउंट इन्वेस्ट कर सकती हैं। अगर आप हाउस वाइफ हैं तो जो पैसा आप बचाती हैं उसे टुकड़ों में इन्वेस्ट कर सकती हैं। महिलाएं शेयर बाजार, रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड और अन्य बैंक पॉलिसीज में इन्वेस्ट कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं पहले फाइनेंशियल मार्केट, इकोनॉमी ट्रेंड्स, म्यूचुअल फंड आदि के बारे में समझें, फिर इन्वेस्ट करें।
जब बात कंपाउंडिंग की आए तो क्या ही कहना। थोड़े से अनुशासन और कंपाउंडिंग की ताकत के साथ आप लॉन्ग टर्म में अपनी बचत को दोगुना या तिगुना कर सकती हैं। समय के साथ कंपाउंडिंग इन्वेस्टमेंट ग्रोथ को बढ़ाता है।
अगर आप वर्किंग हैं तो अपने वेतन का एक निश्चित अमाउंट इन्वेस्ट कर सकती हैं। अगर आप हाउस वाइफ हैं तो जो पैसा आप बचाती हैं उसे टुकड़ों में इन्वेस्ट कर सकती हैं। महिलाएं शेयर बाजार, रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड और अन्य बैंक पॉलिसीज में इन्वेस्ट कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं पहले फाइनेंशियल मार्केट, इकोनॉमी ट्रेंड्स, म्यूचुअल फंड आदि के बारे में समझें, फिर इन्वेस्ट करें।
जब बात कंपाउंडिंग की आए तो क्या ही कहना। थोड़े से अनुशासन और कंपाउंडिंग की ताकत के साथ आप लॉन्ग टर्म में अपनी बचत को दोगुना या तिगुना कर सकती हैं। समय के साथ कंपाउंडिंग इन्वेस्टमेंट ग्रोथ को बढ़ाता है।
महिलाओं को आना चाहिए इन्वेस्ट का तरीका
&महिलाओं को गृहलक्ष्मी कहा जाता है और वह पूरे परिवार के फाइनेंस का मैनेजमेंट करती हैं। सही फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए महिलाओं को इन्वेस्टमेंट की जानकारी होनी चाहिए। उन्हें यह समझना होगा कि जो इन्वेस्ट उन्होंने किया है उसकी जरूरत उन्हें कब पड़ सकती है। – नितेश नोसादर, इनकम टैक्स एक्सपर्ट
सलाह लेकर करें इन्वेस्ट
&महिलाओं के
लिए जरूरी है कि अगर आप पहली बार कही इन्वेस्ट करने जा रही हैं तो फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद जरूर लें, क्योंकि वो आपकी आय और खर्च को समझकर आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग तैयार करता है और इन्वेस्टमेंट मैनेज करता है ताकि आप सभी प्रकार के झंझट से बचे रहें। प्रकल्प जैन, इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट