हत्या करने के बाद आरोपी फरार हो गया था। पुलिस ने तकनीकी टीम की मदद से आरोपी को
मोनू को डिटेन कर लिया। हत्या के बाद मोनू बस में बैठकर आगरा की तरफ गया था।
वहीं, उसकी पत्नी और बच्चे भी आगरा की तरफ गए थे। शनिवार को पुलिस ने हत्या के शिकार राजू राम (27) उसकी पत्नी आशा (25) के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया। बाद में गांव कोटखावदा में दोनों की अंत्येष्टि की गई।
मृतक राजूराम और उसकी पत्नी आशा शांति विहार सांगानेर सदर के रहने वाले थे। दोनों सीतापुरा स्थित कुर्ती बनाने वाली फैक्ट्री में काम करते थे। आगरा निवासी मोनू पंडित भी उसी फैक्ट्री में काम करता था।
शुक्रवार को मोनू पंडित शांति विहार में रहने वाले राजू और आशा के घर पहुंचा। घर पर बहन मीनाक्षी भी मौजूद थी। मोनू ने घर में घुसने के साथ ही मीनाक्षी को कहा कि बाहर तेरी सहेली तुझे बुला रही है।
यह सुनने के साथ ही मीनाक्षी घर से बाहर चली गई, लेकिन सहेली के नहीं मिलने पर घर के सामने वाले मकान में पीहर से आई बड़ी दीदी से मिलने चली गई।
करीब बीस मिनट बाद वापस घर आई तो राजूराम और आशा के शव खून से लथपथ पड़े थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार मामला कथित तौर पर प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि मोनू ने आशा को बात करने के लिए मोबाइल दे रखा था, जिसके बारे में आशा के पति राजूराम को पता चल गया था।
जिसके बाद राजूराम ने पत्नी की नौकरी भी छुड़वा दी थी। पति के विरोध के बाद आशा ने मोनू से बात करना बंद कर दिया था, जिससे वह गुस्से में था। हालांकि पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद ही हत्या की सही वजह का पता चलेगा।
बताया जा रहा है कि मोनू का कुछ समय पहले भी राजू और आशा से झगड़ा हुआ था। लेकिन उस समय तो मामला सुलझ गया था।