जयपुर

Navratri 2023: पंचवटी पर विराजित है अष्टभुजाधारी मां वैष्णो देवी, दिन में 9 बार होता शृंगार, दर्शनों के लिए उमड़ रही भीड़

Mata Vaishno devi Temple: राजापार्क पंचवटी सर्किल पर माता वैष्णोदेवी मंदिर में अष्टभुजाधारी मां वैष्णो देवी विराजित है। यहां माता भक्तों को अपने सौम्य रूप में दर्शन दे रही है। नवरात्र में माता का हर दिन 9 बार विशेष शृंगार किया जाता है।

जयपुरOct 23, 2023 / 10:43 am

Girraj Sharma

Navratri 2023: पंचवटी पर विराजित है अष्टभुजाधारी मां वैष्णो देवी, दिन में 9 बार होता शृंगार, रोजाना दर्शनों के लिए आते हजारों श्रद्धालु

जयपुर। राजापार्क पंचवटी सर्किल पर माता वैष्णोदेवी मंदिर में अष्टभुजाधारी मां वैष्णो देवी विराजित है। यहां माता भक्तों को अपने सौम्य रूप में दर्शन दे रही है। नवरात्र में माता का हर दिन 9 बार विशेष शृंगार किया जाता है, 9 बार माता को नई पोशाक धारण करवाई जाती है। जबकि अन्य दिनों में माता को पोशाक में दिन में तीन बार नई साड़ी धारण करवाई जाती है। रोजाना शहरभर से लोग माता के दर्शनों के लिए आते हैं।

माता वैष्णो देवी अपने दायीं ओर के एक हाथ से भक्तों को दर्शन दे रही हैं। वहीं दूसरे हाथ में चक्र, तीसरे में तलवार और चौथे हाथ में धनुषबाण लिए हुए है। जबकि माता बांयी ओर के एक हाथ में शंख, दूसरे में गदा, तीसरे में कमल पुष्प और चौथे में त्रिशूल धारण किए हुए है। माता के मंदिर की सेवा—पूजा सहित अन्य व्यवस्थाएं मां वैष्णो देवी सेवा समिति करती है। समिति के सचिव कमलेश आसुदानी ने बताया कि नवरात्र में माता का हर एक घंटे में नया शृंगार किया जाता है। हर दिन माता को 9 बार नई पोशाक बदली जाती है। नवरात्र में माता की पोशाक के लिए साड़ियों की बुकिंग एक माह पहले ही हो जाती है। आम दिनों में माता को दिन में तीन बार नई पोशाक धारण करवाई जाती है।

प्रसाद स्वरूप बांटी 21 हजार से अधिक साड़ियां
सचिव आसुदानी ने बताया कि जून 2004 में मंदिर में वैष्णो माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। 19 साल से माता को हर दिन नई पोशाक धारण करवाई जा रही है। मां को पोशाक में धारण करवाई गई साड़ियां भक्तों को प्रसाद स्वरूप बांटी जाती है। खासकर विवाह सम्मेलनों के साथ जरूरतमंद लोगों को ये साड़ियां बांटी जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक माता की 21 हजार से अधिक साड़ियां भक्तों को प्रसाद स्वरूप बांटी जा चुकी है।

सुबह 6.30 बजे खुलते माता के दर्शन
वैष्णो देवी माता के दर्शन रोजाना सुबह 6.30 बजे खुलते है, वहीं रात को 10 बजे तक माता के दर्शन खुले रहते है। समिति सचिव कमलेश आसुदानी ने बताया कि माता के नियमित दर्शन सुबह 6.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुले रहते है, वहीं शाम 7 बजे संध्या आरती होती है, इसके बाद रात 9.30 बजे शयन आरती होती है, जबकि माता के दर्शन रात 10 बजे तक खुले रहते है। उन्होंने बताया कि माता की मूर्ति वैष्णो देवी के दरबार के बाहर विराजित दुर्गा माता के जैसी ही है।

 

यह भी पढ़ें

आमागढ़ की पहाड़ियों पर विराजित है अंबा माता, वर्षों से जल रही अखंड ज्योत

रोजाना बंटता हलुवा, पूडी व छोले का प्रसाद
माता वैष्णो देवी को रोजाना हलुवा, पूडी व छोले का भोग लगाया जाता है। नवरात्र में माता के दरबार आने वाले भक्तों को प्रसाद स्वरूप हलुवा, पूडी व छोले बांटे जाते हैं। नवरात्र में हर दिन 5—5 हजार दोना में हलुवा, पूडी व छोला प्रसादी बांटी जाती है। आसुदानी बताते है कि माता के दर्शनों के लिए रोजाना 10 हजार तक भक्त आते है।

Hindi News / Jaipur / Navratri 2023: पंचवटी पर विराजित है अष्टभुजाधारी मां वैष्णो देवी, दिन में 9 बार होता शृंगार, दर्शनों के लिए उमड़ रही भीड़

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.