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जयपुर

घर-घर हुई घट स्थापना, माता के दर्शनों के लिए उमड़े भक्त

Navratri 2023: आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर रविवार को पद्म योग में शारदीय नवरात्र शुरू हुए। अभिजीत मुहूर्त के साथ श्रेष्ठ मुहूर्त में घर-घर घट स्थापना हुई। घर-घर, मंदिर- मंदिर सुबह से ही रामायण की चौपाइयों के साथ दुर्गा पाठों की गूंज सुनाई दी।

जयपुरOct 15, 2023 / 12:03 pm

Girraj Sharma

घर-घर हुई घट स्थापना, माता के दर्शनों के लिए उमड़े भक्त

घर-घर हुई घट स्थापना, माता के दर्शनों के लिए उमड़े भक्त

जयपुर। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर रविवार को पद्म योग में शारदीय नवरात्र शुरू हुए। अभिजीत मुहूर्त के साथ श्रेष्ठ मुहूर्त में घर-घर घट स्थापना हुई। घर-घर, मंदिर- मंदिर सुबह से ही रामायण की चौपाइयों के साथ दुर्गा पाठों की गूंज सुनाई दी। शहर के दुर्गा मंदिरों और हनुमानजी व श्रीराम मंदिरों में घट स्थापना के साथ दुर्गा शप्तशती और रामचरित मानस के पाठ शुरू हुए। अब पूरे नौ दिन माता की आराधना होगी। पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की जा रही है।

आमेर शिला माता मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना हुई। इसके बाद मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। इससे पहले सुबह से ही मंदिर में भक्तों को पहुंचना शुरू हो गया। मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए वाहनों को सुबह से ही महल तक जाने से रोक दिया गया। आज से आमेर महल में हाथी सवारी भी नहीं होगी। मंदिर शिला माता के जयकारों के साथ जय मातादी… के जयकारों से गूंज उठा। कुछ भक्त कनक दंडवत करते हुए माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे है।

माता के दर्शन सुबह 6 बजे से
मंदिर पुजारी बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.55 बजे घट स्थापना के साथ ही माता के दर्शन खुले। 16 से 23 अक्टूबर तक माता के दर्शन सुबह 6 से दोपहर 12.30 बजे तक खुलेंगे, वहीं शाम को 4 बजे से 6 बजे तक भक्त माता के दर्शन कर सकेंगे। दोपहर 12.30 बजे से शाम 4 बजे तक मंदिर के पट मंगल रहेंगे। माता के 20 अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा। 21 अक्टूबर को सप्तमी पर रात 10 बजे निशा पूजन होगा। 22 अक्टूबर को अष्टमी पर शाम 4.30 बजे पूर्णाहुति होगी। दशमी पर 24 अक्टूबर को नवरात्रा उत्थापना होगा।

शिला माता मंदिर में झांकियों का समय
झांकी — समय
राजभोग झांकी — सुबह 8 से 8.15 बजे तक
प्रात: आरती — सुबह 10 बजे
राजभोग आरती — सुबह 11 से 11.30 बजे तक
संध्या आरती — शाम 6.15 बजे
रात्रि भोग — शाम 7.45 से रात 8 बजे तक
शयन आरती — रात 8.30 बजे

शैलपुत्री के रूप में माता की पूजा
दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता मंदिर में सुबह घट स्थापना के साथ ही माता के दर्शन खुले। महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ही अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित कर घट स्थापना की गई। भक्त माता के दर्शनों के लिए पहुंचे। मंदिर के महंत भट्टाचार्य ने बताया कि नवरात्र में पहले दिन शैलपुत्री के रूप में माता की पूजा की जा रही है। 9 दिनो तक ब्रह्मचारिणी, चन्द्र घण्टा, कूष्माण्डेति स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्री, महागौरी व सिद्धीदात्री नवदुर्गा के रूप में पूजा की जाएगी। नौ दिनों तक सप्तशती के पाठ होंगे।

घट स्थापना के बाद पाठ शुरू
राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णों माता मंदिर सहित ब्रह्मपुरी स्थित काली माता मंदिर, सूरजपोल बाजार स्थित रुद्रघंटेश्वरी माता, आमागढ़ स्थित अंबा माता, झालाना स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, काली माता मंदिर, आमेर स्थित मनसा माता मंदिर, माता मावलियान, दिल्ली रोड स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में भी घट स्थापना के साथ माता की आराधना शुरू हुई।मंदिरों में दुर्गा शप्तशती और रामायण के पाठ के साथ अंखड ज्योत भी जलाई गई।

वाल्मीकि रामायण पाठ
श्री खोले के हनुमान मंदिर में शारदीय नवरात्रा घट स्थापना के साथ ही अखण्ड वाल्मिकी रामायण पाठ तथा नौ दिवसीय नवाह्नपारायण के पाठ प्रारंभ हुए। शाम 4 बजे पदयात्रियों की ओर से लाई गई पताकाओं का मंदिर शिखर पर रोहण किया जाएगा।

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