जयपुर

Sharad Purnima laxmi Puja Time Shubh Muhurat शरद पूर्णिमा की रात बने कई शुभ योग, जानें श्रेष्ठ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजा विधि

30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। यही कारण है कि इस दिन लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं।

जयपुरOct 30, 2020 / 05:41 pm

deepak deewan

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जयपुर. 30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। यही कारण है कि इस दिन लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं।
इस बार शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का महत्व बढ़ गया है। इसका कारण यह है कि इस बार पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि शरद पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। नया काम शुरू करने, व्यवसायिक प्रतिष्ठान आदि का शुभारंभ करने के लिए यह अच्छा संयोग माना जाता है।
शुक्रवार को शाम को पंचक भी समाप्त हो रहे हैं। इसके अलावा शरद पूर्णिमा पर सूर्योदय से दोपहर तक अमृत सिद्धि और रवि योग भी बना रहा। सबसे मुख्य बात तो यह है कि आज शुक्रवार है। धन की देवी लक्ष्मी के प्रिय दिन शुक्रवार को उनका जन्मदिवस यानि शरद पूर्णिमा का आना बहुत शुभ संयोग माना जा रहा है।
30 अक्टूबर को शाम 5.45 बजे पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार शाम 6.30 मिनट से लेकर 8.20 मिनट तक लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। इसके अलावा मध्यरात्रि 11.39 बजे से 12.31 बजे तक निशीथ काल में भी पूजा कर सकते हैं।

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