जयपुर

सरकार का बड़ा फैसला! अब सीवर चेम्बर में नहीं उतरेंगे श्रमिक, स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश

Sewer Chamber Guidelines: सीवरेज व सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए चेम्बर में श्रमिकों के उतरने पर सरकार ने रोक लगा दी है। सीवर लाइन की सफाई में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं…

जयपुरSep 03, 2019 / 10:51 am

dinesh

जयपुर। सीवरेज व सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए चेम्बर में श्रमिकों के उतरने पर सरकार ने रोक लगा दी है। सीवर लाइन की सफाई में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में पिछले कुछ समय में सीवर लाइन की सफाई के दौरान हुई दुर्घटनाओं के मद्देनजर स्वायत्त शासन विभाग ने गाइडलाइन ( Sewer Chamber Guidelines ) जारी की है।
 

गाइडलाइन और हकीकत:
– प्रत्येक 6 माह में सीवर की सफाई हो।
हकीकत : सीवर ओवरफ्लो होने लगे, लोग शिकायत करें तब सफाई शुरू की जाती है।

– सामान्यत: मानसून पूर्व सीवर की जांच, निरीक्षण व सफाई हो।
हकीकत : पिछले दिनों बारिश में जयपुर में ही दर्जनों जगह सीवर का पानी सडक़ों पर भर गया। सफाई की पोल खुल गई।
– सफाई के दौरान पर्याप्त मशीनरी हो, सुरक्षा उपकरणों के साथ सुपरवाइजर मौके पर उपस्थित रहें।
हकीकत : सुपरवाइजर भले ही मौके पर रहें, सुरक्षा उपकरण नाम के रहते हैं।

– सफाई कार्य तब हो, जब सीवर न्यूनतम हो।
हकीकत : प्राय: सीवर लाइन भरने के बाद ही सफाई होती है। सीवर की मात्रा नहीं जांची जाती।
– सफाई से एक घंटे पहले कार्यस्थल के आगे-पीछे के दो-तीन मैनहोल खोले जाएं ताकि जहरीली गैस निकल जाएं।
हकीकत : अधिकांश श्रमिकों को इसकी जानकारी ही नहीं है। पहले गैस निकालने के बजाय सीधे सफाई शुरू कर दी जाती है।

– किसी भी श्रमिक को मैनहोल में झांकने नहीं दिया जाए।
हकीकत : श्रमिक के पास सीवर की जांच करने के उपकरण नहीं होते, उसे मजबूरन अंदर झांकना पड़ता है।

– जहरीली गैसों की जांच के लिए गैस मॉनिटर, लैम्प डिटेक्टर, गैस डिटेक्टर मॉस्क का प्रयोग किया जाए।
हकीकत : जयपुर नगर निगम समेत अधिकांश अधिकांश नगर निकायों और ठेकेदारों के पास ऐसे उपकरण नहीं हैं।

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