जयपुर

आठवीं के बाद नहीं पढ़ पाते कई बच्चे

स्कूल क्रमोन्नत को लेकर प्रयास जारी, बच्चों को लगभग ढाई किलोमीटर दूर स्कूलों में लेना पड़ता हैं दाखिला

जयपुरApr 18, 2018 / 02:33 pm

Priyanka Yadav

जयपुर . धावास गिरधारीपुरा एरिया की बड़ी कॉलोनियों में शुमार है। यहां रहने वाले ज्यादातर परिवार मध्यम वर्गीय या गरीब हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए यहां कई साल से राजकीय विद्यालय संचालित हैं, ये आठवीं तक हैं। यहां पढ़ाई पूरी होने के बाद इन बच्चों को दो-ढाई किलोमीटर की दूरी तय करके केशोपुरा, हीरापुरा या मीनावाला में दूसरी स्कूल में दाखिला लेना पड़ता है। इसके चलते कई बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं। इसे 12वीं कक्षा तक क्रमोन्नत कराने को लेकर प्रयास किए जा रहे है।
 

तीन कमरों में हुआ शुरू

जानकारी के मुताबिक स्कूल का संचालन 1984 में तीन कमरों से शुरू हुआ। उस दौरान आस-पास कॉलोनियों से आने वाले बच्चों को टीन शेड के नीचे बैठ कर पढऩा पड़ता था। कई सालों तक इस स्कूल मे पीने को पानी व शौचालय तक नहीं था। ऐसे में प्रयासकर यहां सुविधाएं जुटाई गर्इं।
 

बारिश में भरता है पानी
स्कूल में पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। बारिश में स्कूल का पानी ग्राउंड में भर जाता है। बाहर सड़क से भी पानी बहकर भीतर आ जाता है। बारिश के मौसम में यहां पढऩे वाले बच्चों को इस जलभराव से होकर निकलना पड़ता है। वहीं पुराने कमरो में कई जगह पानी टपकता है। जिससे बच्चो को पढ़ाई में परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार इसके लिए प्रयास भी किए लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। ऐसे में बारिश के दिनों में बच्चों को खेलने में भी दिक्कतें होती है।
 

क्रमोन्नत का इंतजार
भंवर लाल भाटी, स्थानीय न्र कहा की निजी स्कूलों में पढ़ाई का खर्चा अधिक होने के चलते यहां रहने वाले गरीब परिवार के लोग बच्चों को यहां भेजेते हैं। ऐसे में यहां आठवीं तक पढऩे के बाद बच्चों को ढाई किलोमीटर दूर दूसरी स्कूल में जाना पड़ता है। यदि ये स्कूल क्रमोन्नत हो जाए तो सोने पर सुहागा होगा।
रेखा भटनागर प्रधानाध्यापिका ने कहा की यहां बच्चों को विज्ञान, अंग्रेजी व कंप्यूटर शिक्षा की पढ़ाई करवा रहे हैं। यहां बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए समय समय पर मेडिकल कैंप भी लगाए जाते हैं।
 

 

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