देश में भाषाओं की विविधता को देखते हुए उन्होंने अहमदाबाद में अपने स्टार्टअप ‘इंडियन टाइप फाउंड्री’ की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य हाई क्वालिटी फॉन्ट तैयार करना था। इनकी फर्म अब तक 450 फॉन्ट फैमिली विकसित कर चुकी है। वह कहते हैं, पहले मैं शौकिया ऐसा करता था, लेकिन बाद में वाहनों की रेडियम प्लेट ने मुझे आकर्षित किया। इसके बाद मैंने सोचा कि मैं ऐसी सेवा अपने दोस्तों और परिवारों को दूंगा। मैं देख सकूंगा कि कहां-कहां मेरे अक्षरों का प्रयोग हो रहा है। यह टाइपोग्राफी में मेरा शुरुआती कदम था।
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