भाजपा नेता बौखला गए है और मतदाताओं को डराने, गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव आयोग को इस बयान पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। टोंक प्रशासन को भी उनके खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए था, लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
ऐसे आपत्तिजनक नारे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। पूर्व मंत्री खाचरियावास कहा कि भाजपा नेता हिंदू-मुसलमान के नाम पर बांटने और काटने की बात करके डरा-धमका कर जनता से वोट लेना चाहते हैं। नफरती नारों के जरिए प्रदेश का माहौल खराब करने का काम किया जा रहा है, चुनाव आयोग को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।