राजस्थान में नए मुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर माहौल गरम है। जयपुर से लेकर नई दिल्ली तक में हलचलें परवान पर हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने इस कवायद में अपने तीन सीनियर मोस्ट नेताओं को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ में राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
अब ये तीनों पर्यवेक्षक जयपुर आकर भाजपा विधायक दल की बैठक में नए सीएम के नाम को लेकर रायशुमारी करेंगे, जिसके बाद आलाकमान की दी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर नए मुख्यमंत्री को लेकर कोई ऐलान होगा।
बहरहाल केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीनों पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय एक बार फिर चर्चा में हैं। वे राज्य में हुए चुनाव पूर्व भी यहां आती रहीं हैं।
कौन हैं सरोज पांडे?
– जन्म 22 जून 1968 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में श्यामजी पांडे और गुलाब देवी पांडे के घर हुआ
– पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के रायपुर स्थित भिलाई महिला महाविद्यालय से एमएससी (बाल विकास) की शिक्षा ग्रहण की
– पहली बार वर्ष 2000 और 2005 में दो बार दुर्ग की मेयर चुनीं गईं
– वर्ष 2008 में पहली बार वैशाली नगर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं, भाजपा ने वर्ष 2009 के आम चुनाव में दुर्ग से उतारा और उन्होंने जीत हासिल की
– 24 अप्रैल 2013 में, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं
– वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से हार गईं।
– हार के बावजूद भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव बनीं और मार्च 2018 में राज्यसभा के लिए चुना गया।
– एक ही समय में मेयर, विधायक और सांसद का पद संभालने का अनूठा विश्व रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए नामित
– लगातार 10 वर्षों तक दुर्ग से मेयर रहकर सबसे लंबे कार्यकाल का बनाया रिकॉर्ड
– मेयर रहते वक्त वे सर्वश्रेष्ठ मेयर का पुरस्कार जीत चुकी हैं।