ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि दैनिक जीवन में आनेवाले संकटों से बचने के लिए भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना जरूरी है. गणेशजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह व्रत सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विश्वासपूर्वक आराधना से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन विधिपूर्वक गणेश पूजा करें। भगवान गणेश को दूर्वा जरूर अर्पित करें, तुलसी न चढाएं. गणेश चालीसा, संकट नाशन गणेश स्तोत्र के पाठ करें। उन्हें लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। शाम को भी गणेशजी की पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
संकष्टी चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त – सुबह 9 बजकर 32 मिनट से सुबह 11 बजकर 20 मिनट तक
चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय – 5 अक्तूबर, सोमवार – रात 8 बजकर 12 मिनट
चतुर्थी तिथि आरंभ 5 अक्तूबर, सोमवार – सुबह 10 बजकर 2 मिनट से
चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय – 5 अक्तूबर, सोमवार – रात 8 बजकर 12 मिनट
चतुर्थी तिथि आरंभ 5 अक्तूबर, सोमवार – सुबह 10 बजकर 2 मिनट से