जयपुर

हमारा क्या कसूर, जो ममता के आंचल से दूर, शिशुओं को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही मिल पाएगा मां का दूध

सांगानेरी गेट अस्पताल में बच्चा बदली का मामला: परिजन की डीएनए जांच की मांग, जांच कमेटी दूसरे दिन भी बयान लेने में जुटी रही, नहीं सौंपी जांच रिपोर्ट

जयपुरSep 06, 2022 / 09:16 pm

pushpendra shekhawat

हमारा क्या कसूर, जो ममता के आंचल से दूर, शिशुओं को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही मिल पाएगा मां का दूध

जयपुर। सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही की सजा दो मासूम भुगत रहे हैं। छह दिन पहले जन्मे मासूम चार दिन बाद भी अपनी मां के आंचल को तरस रहे हैं। उन्हें यहां बनी नर्सरी में मां से अलग रखा जा रहा है। ये मासूम आखिर कब तक मां के आंचल और दूध से महरूम रहेंगे, इसका किसी के पास जवाब नहीं है। परिजन की डीएनए जांच की मांग के चलते अब यह प्रक्रिया और लंबी होने की आशंका है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा ने बताया कि एक सितंबर को घाटगेट निवासी रेशमा और करौली निवासी निशा की डिलीवरी हुई थी। जिसमें निशा ने पुत्र और रेशमा ने पुत्री को जन्म दिया था। इस दौरान दोनों बच्चों के गलत टैग लग गए। जिससे बच्चों की अदला-बदली हो गई। उन्होंने बताया कि तीन दिन बाद शनिवार को गलती पता चलने पर दोनों बच्चों के परिजन को इसकी सूचना दे दी थी।
इससे रेशमा के परिजन आक्रोशित हो गए और बच्ची को लेने के इनकार कर दिया। जिसके बाद से दोनों बच्चों को नर्सरी में रखा गया है। मामले को सुलझाने के लिए छह चिकित्सकों की जांच कमेटी गठित की गई। मंगलवार को जांच रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन रेशमा व उनके पति के बयान और ब्लड सैंपल दोपहर तीन बजे तक लिए गए। ऐसे में बुधवार सुबह सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
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परिजन बोले, डीएनए जांच कराएंगे
रेशमा के परिजन का आरोप है कि लड़का उनका है। अस्पताल प्रशासन उन्हें लड़की लेने पर मजबूर कर रहा है। इसलिए वे डीएनए जांच कराएंगे। भले ही इसकी रिपोर्ट आने तक इंतजार कर करना पड़े। दूसरे बच्चे के परिजन इस मामले में चुप है। उन्होंने किसी प्रकार का कोई विरोध जाहिर नहीं किया।

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