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जयपुर

दो साल से बिना पार्षद के है सांगानेर विधायक का वार्ड

जयपुर . जयपुर के Sanganer विधानसभा क्षेत्र में एक वार्ड ऐसा भी जहां लोगों को करीब 2 साल से पार्षद नहीं मिला है।

जयपुरOct 17, 2020 / 07:40 pm

Anil Chauchan

जयपुर . जयपुर के सांगानेर ( Sanganer ) विधानसभा क्षेत्र में एक वार्ड ऐसा भी जहां लोगों को करीब 2 साल से पार्षद नहीं मिला है। बात अजीब है, लेकिन क्षेत्र के लोगों की जुबानी के चलते यह कटू सत्य साबित हो रहा है। हम बात कर रहे हैं सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक लाहोटी के वार्ड नंबर 43 की। हाल ही हुए बदलाव के बाद अब जयपुर ग्रेटर में लाहोटी का वार्ड 79 हो गया है। लाहोटी वार्ड 43 से पार्षद का चुनाव जीते। बाद में वे महापौर बन गए। अब वे विधायक हैं। ऐसे में क्षेत्र की जनता यही कह रही है कि यह बिना पार्षद का वार्ड है।

सांगानेर विधायक के वार्ड 43 को जयपुर ग्रेटर के नए बदलाव के बाद वार्ड 77, 78, 79, 80 के नाम से जाना जाएगा। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वे पिछले कई सालों से तरस रहे हैं, कि आखिर क्षेत्र की समस्या बताएं तो किसे। ऐसे में उनके चेहरों पर नाराजगी साफ तौर पर दिखलाई दे रही है।

यहां की त्रिवेणी संगम विकास समिति के अध्यक्ष सी.पी.माथुर ने बताया कि बरसात में क्षेत्र की कई सड़कें टूट गई लेकिन कोई उन्हें सुधारने वाला नहीं है। असामाजिक तत्वों का जमावाड़ा काफी बढ़ गया है। कई बार थाने में शिकायक की लेकिन यही सुनने का मिलता है कि स्टाफ की कमी है। जेडीए की आवासीय कॉलोनियों व व्याससायिक जगहों में खुली सड़क व खाली प्लाट कचरा डीपो बन गए हैं। जिससे आमजन में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। खुद विधायक व पूर्व महापौर का वार्ड होने के बावजूद यहां निगम प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। क्षेत्र के लोग जब भी क्षेत्रीय पार्षद, महापौर रहे तथा वर्तमान विधायक अशोक लाहोटी के पास शिकायत लेकर गए तो उन्हें यही सुनने को मिला कि ठेकेदारों की मनमानी, कर्मचारियों की हड़तालें तथा नगर निगम में कर्मचारियों की कमी के कारणयह हालात बने हैं।

क्षेत्रीय निवासी रमेश सैनी ने बताया कि त्रिवेणी नगर चौराहे से गुर्जर की थड़ी सहित मानसरोवर लिंक रोड के साथ महेश नगर को जाने वाली सड़कें तकरीबन 87 कोचिंग सेंटर्स की बेतरतीब पार्र्किंग से आम जनता को राह पर चलना मुश्किल हो रहा है। गोपालपुरा मोड़ से लेकर गुर्जर की थड़ी के चारों तरफ 60-6 फीट की सड़कें है। यह सड़क त्रिवेणी चौराहे से लेकर संस्कृत विश्वविद्यालय, विवेक विहार, अशोक विहार, महेश नगर तथा रिद्धी-सिद्धी चौराहे को आपस में जोड़ती है। लेकिन यहां अतिक्रमणों के कारण ये रास्ते 60 के बजाय 30 फीट में तब्दील हो गए हैं। इसके पीछे जेडीए व नगर निगम की उदासीनता व अवैध निर्माण करने वालों की मिलीभगत साफ नजर आ रही है।

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