रहीस भारती कहते हैं यह समय काफी कठिन है कोरोना की पहली लहर ने भी सभी को हिलाकर रख दिया था। इस बीच कलाकारों ने सबसे ज्यादा मुसीबत झेली। जिसके चलते ज्यादातर कलाकारों की पुश्तैनी कला पर ख़तरा मंडरा गया। ऐसे में कलाकारों का जीना मुहाल हो गया है। उनका कहना है कि अगर दिल में कुछ अच्छा करने की चाहत हो तो सात समंदर पार की दूरियां भी कम पड़ जाती हैं। रहीस ने यूरोप में रहते हुए राजस्थान के 300 परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ कलाकारों तक खाद्य सामग्री के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों को पैसे के जरिए मदद पहुंचाई है। धोद बैंड के मशहूर कलाकार व फाउंडर रहीस भारती ने पेरिस से फोन पर बताया कि उन्होंने जो कुछ किया वो इंसानियत के नाते किया है। यह ऐसा समय है जब इंसान को इंसान के ज्यादा काम आने की जरूरत है।
यूरोप में खुला लॉकडाउन, फिर से बजा धोद का डंका
कलाकार रहीस भारती ने बताया कि राजस्थान का सिरमौर धौद बैंड फिर से अपना जलवा दिखाने को बेताब है। राजस्थानी लोकधुनों से लबरेज बैंड के कलाकार इस कठिन समय में भी अपनी कला के जरिए कोरोना के स्ट्रेस को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। अब यूरोप में लॉकडाउन खुल गया है ऐसे में अगले चार माह तक वह फ्रांस में होने वाले म्यूजिकल शोज में अपनी परफॉर्मेंस देंगे। लॉकडाउन खुलने के बाद उनका एक कंसर्ट हो भी चुका है।
पेरिस के कई शहरों में होंगे म्यूजिक कंसर्ट
अब धोद बैंड जून में फ्रांस के कई शहरों में होने वाले म्यूजिक फेस्टिवल में राजस्थानी लोकसंगीत की धुन प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा 25 व 26 जून को हॉलैंड म्यूजिक मुंडो फेस्टिवल में परफॉर्म करेगा। साथ ही जुलाई में पुर्तगाल और अगस्त में भी यूरोप के कई शहरों में आयोजित होने वाले म्यूजिक फेस्टिवल में अपनी राजस्थानी कला का प्रदर्शन करेगा। गौरतलब है कि रहीस भारती ने 20 सालों में अपने धोद बैंड के माध्यम से 110 देशों में करीब 1200 सौ से ज्यादा कार्यक्रम पेश किए हैं। रहीस भारती को विदेशों में राजस्थान की संस्कृति का राष्ट्रदूत कहा जाता है। उनके यूरोप टूर में उनके साथ में उनके पिता उस्ताद रपफीक मोहम्मद के अलावा मंजू सपेरा, पिंटू राणा, मोईनउद्दीन ख़ान, बंटी, तंवरलाल और कौशल राणा आदि कलाकार शामिल हैं।
कलाकार रहीस भारती ने बताया कि राजस्थान का सिरमौर धौद बैंड फिर से अपना जलवा दिखाने को बेताब है। राजस्थानी लोकधुनों से लबरेज बैंड के कलाकार इस कठिन समय में भी अपनी कला के जरिए कोरोना के स्ट्रेस को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। अब यूरोप में लॉकडाउन खुल गया है ऐसे में अगले चार माह तक वह फ्रांस में होने वाले म्यूजिकल शोज में अपनी परफॉर्मेंस देंगे। लॉकडाउन खुलने के बाद उनका एक कंसर्ट हो भी चुका है।
पेरिस के कई शहरों में होंगे म्यूजिक कंसर्ट
अब धोद बैंड जून में फ्रांस के कई शहरों में होने वाले म्यूजिक फेस्टिवल में राजस्थानी लोकसंगीत की धुन प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा 25 व 26 जून को हॉलैंड म्यूजिक मुंडो फेस्टिवल में परफॉर्म करेगा। साथ ही जुलाई में पुर्तगाल और अगस्त में भी यूरोप के कई शहरों में आयोजित होने वाले म्यूजिक फेस्टिवल में अपनी राजस्थानी कला का प्रदर्शन करेगा। गौरतलब है कि रहीस भारती ने 20 सालों में अपने धोद बैंड के माध्यम से 110 देशों में करीब 1200 सौ से ज्यादा कार्यक्रम पेश किए हैं। रहीस भारती को विदेशों में राजस्थान की संस्कृति का राष्ट्रदूत कहा जाता है। उनके यूरोप टूर में उनके साथ में उनके पिता उस्ताद रपफीक मोहम्मद के अलावा मंजू सपेरा, पिंटू राणा, मोईनउद्दीन ख़ान, बंटी, तंवरलाल और कौशल राणा आदि कलाकार शामिल हैं।