इससे पहले राजधानी जयपुर में पिछले 34 साल से लग रहा मसाला मेला इस बार आयोजित नहीं किया जा सका था।
आपको बता दें कि जयपुर का सहकार मसाला मेला पूरे देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। यह मेला हर साल लगातार नए आयाम स्थापित कर रहा था। मसालों की गुणवत्ता और शुद्धता के चलते मसाला मेले की महक लगातार बढ़ती जा रही थी। इसी वजह से सूखे मसाला मेले का कारोबार भी लगातार बढ़ता जा रहा था।
दो करोड़ की बिक्री का रिकॉर्ड
आपको यह भी बता दें कि जयपुरवासियों ने गत वर्ष इस मेले में दो करोड़ की बिक्री का रिकॉर्ड बना था। शुद्धता और अच्छी गुणवत्ता के चलते जयपुर शहर के लोग मसाले मेले की ओर खिंचे चले आते थे। मेले के माध्यम से एक ही छत के नीचे प्रदेश के साथ.साथ केरल, तमिलनाडु, पंजाब के विशिष्ट मसालों और उत्पादों को पूर्ण शुद्धता के साथ उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाए जाता था।
इनका कहना है,
कोविड 19 को देखते इस बार विभाग सहकार दीपोत्सव मेले का आयोजन नहीं करवा रहा है। हमने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। एमएसटीसी के चांदी के सिक्के अवश्य बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे।
मुक्तानंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार,
सहकारिता विभाग।