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जयपुर

वर्षों बाद नहीं लग पाएगा सहकार दीपोत्सव मेला

कोरोना के चलते मेले को निरस्त करने के आदेशएमएमटीसी के चांदी के सिक्कों की बिक्री की दी मंजूरी

जयपुरNov 08, 2020 / 02:54 pm

Rakhi Hajela

वर्षों बाद नहीं लग पाएगा सहकार दीपोत्सव मेला

वर्षों बाद नहीं लग पाएगा सहकार दीपोत्सव मेला

जयपुरवासियों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना चुका सहकार दीपोत्सव मेला इस बार आयोजित नहीं हो पाएगा। सहकारिता विभाग ने कोविड 19 से उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए मसाले मेले और राखी मेले के बाद अब इस मेले को भी निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। रजिस्ट्रार की ओर से आदेश के मुताबिक इस बार मेले का आयोजन नहीं होगा लेकिन एमएमटीसी के चंादंी के सिक्के अवश्य बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। आपको बता दें कि इस मेले में जयपुर वासियों को शिवकाशी के पटाखे, एमएमटीसी के सोने चांदी के सिक्के और अन्य आवश्यकता के सामान उचित दर पर
उपलब्ध करवाया जाता है। सरकार ने पटाखों की बिक्री पर पहले ही रोक लगा दी है।
एमएमटीसी के चांदी के सिक्कों की बिक्री की दी मंजूरी
विभाग ने भले ही मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया हो लेकिन एमएमटीसी के .चांदी के शुद्ध सिक्के उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। उपभोक्ता भंडार पर चांदी के सिक्के 10 ग्राम से एक किलोग्राम तक के खरीद के लिए मिल सकेंगे।
जयपुर में पांच केन्द्रों पर लगता था दीपोत्सव मेला
आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में 5 केंद्रों नवजीवन उपहार सुपर मार्केट भवानी सिंह रोड, वैशाली नगर,अहिंसा सर्किल, करधनी शॉपिंग सेंटर मालवीय नगर एवं सी.स्कीम उपहार पर उपभोक्ता संघ व जिलों मंख सहकारी उपभोक्ता भंडार व सहकारी विपणन समिति की ओर से दीपोत्सव मेलों का आयोजन किया जाता रहा है।
नहीं लग सका था मसाला मेला भी
इससे पहले राजधानी जयपुर में पिछले 34 साल से लग रहा मसाला मेला इस बार आयोजित नहीं किया जा सका था।
आपको बता दें कि जयपुर का सहकार मसाला मेला पूरे देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। यह मेला हर साल लगातार नए आयाम स्थापित कर रहा था। मसालों की गुणवत्ता और शुद्धता के चलते मसाला मेले की महक लगातार बढ़ती जा रही थी। इसी वजह से सूखे मसाला मेले का कारोबार भी लगातार बढ़ता जा रहा था।
दो करोड़ की बिक्री का रिकॉर्ड
आपको यह भी बता दें कि जयपुरवासियों ने गत वर्ष इस मेले में दो करोड़ की बिक्री का रिकॉर्ड बना था। शुद्धता और अच्छी गुणवत्ता के चलते जयपुर शहर के लोग मसाले मेले की ओर खिंचे चले आते थे। मेले के माध्यम से एक ही छत के नीचे प्रदेश के साथ.साथ केरल, तमिलनाडु, पंजाब के विशिष्ट मसालों और उत्पादों को पूर्ण शुद्धता के साथ उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाए जाता था।
इनका कहना है,
कोविड 19 को देखते इस बार विभाग सहकार दीपोत्सव मेले का आयोजन नहीं करवा रहा है। हमने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। एमएसटीसी के चांदी के सिक्के अवश्य बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे।
मुक्तानंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार,
सहकारिता विभाग।

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