पायलट ने एक इंटरव्यू में कहा कि इसको सहन करना मुश्किल होता है। उस समय मैं खुलकर बोला कि इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता है। बाद में चीजों का समाधान हुआ। हमने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिलकर मेहनत की।
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भूलकर काम करने की जरूरत- पायलट
उन्होंने आगे कहा कि अब हम विपक्ष में है सब भूलकर काम करने की जरूरत है। किसने क्या छोटा मोटा बोला उसको भूलने की जरूरत है। वहीं पायलट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कड़वाहट, खींचतान और सियासी उठापटक का कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में नुकसान होने के सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पुराना इतिहास देख लीजिए। जब हम सत्ता में थे तो एक बार चुनाव में 51 और दूसरी बार 21 सीटें आई। यह भी पढ़ें