जयपुर

डैमेज कंट्रोल भी नहीं आया काम, सदन में अपनों ने ही बढ़ाई सरकार की टेंशन, निशाने पर गहलोत सरकार

-गृह विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने कानून व्यवस्था और पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर खड़े किए सवाल- कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक सदन में घेर रहे हैं सरकार को

जयपुरMar 01, 2023 / 10:07 am

firoz shaifi

ashok gehlot

जयपुर। 15वीं विधानसभा के चल रहे आठवें सत्र के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायक की अब उसके लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। चुनावी वर्ष में सरकार को अब अपने ही विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल इन दिनों राजस्थान विधानसभा में भी देखने को मिल रहा है, जहां पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के निशाने पर अपनी सरकार है। दिलचस्प बात तो यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने ही जमकर अपनी सरकार को घेर सदन में घेरा है।


मंगलवार को गृह और कारागार विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भी सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई विधायकों ने बिगड़ती कानून व्यवस्था और पेपर लीक मामले को लेकर अपनी सरकार को निशाने पर लिया और इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री गहलोत पर भी निशाना साधा, जिससे विपक्ष को भी बैठे-बिठाए सदन में सरकार को घेरने का का मौका मिल गया।

गहलोत-पायलट गुट के विधायकों ने निशाने पर लिया अपने सरकार को
वहीं अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान गहलोत-पायलट गुट से जुड़े विधायकों ने अपनी सरकार की खामियां गिनाईं तो कानून व्यवस्था और पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर निशाना भी साधा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करीबी माने जाने वाले निर्दलीय विधायक और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने भी पेपर लीक मामले में अपनी सरकार को जमकर निशाने पर लिया।

चर्चा के दौरान संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आरपीएससी का मूल पेपर कहां से लीक हुआ? क्या आपने तय कर लिया है कि नकल करने वाले ही सरकारी नौकरी में सेलेक्ट होंगे। संयम लोढ़ा ने एक इंटरव्यू का भी जिक्र करते हुए कहा कि एसआई भर्ती में पास हुई लड़कियों को राजस्थान के जिलों के बारे में भी जानकारी नहीं थी। लोढ़ा ने ने कहा सुनने में आया है कि पेपर लीक मामले में इसको गिरफ्तार कर लिया, उसकी गिरफ्तारी हो गई यह हमें सब समझ में आता है लेकिन मूल पर्चा कहां से लीक हुआ यह आज तक बताने की स्थिति में सरकार नहीं है।

मुख्यमंत्री करीब विधायक गणेश घोगरा ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक गणेश घोररा ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। गणेश घोगरा ने आदिवासी कल्चर का हवाला देते हुए घरों में देसी शराब रखने वाले आदिवासियों पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर सवाल खड़े किए थे।

घोगरा ने यह भी कहा था कि एससी-एसटी के साथ आज भी अत्याचार होता है, हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं होती है आज भी थानों में एससी-एसटी के हेड कॉन्स्टेबल को या दूसरे कर्मचारी, उनको हीन भावना से देखा जाता है।

पायलट गुट के राजेंद्र गुढ़ा और हरीश मीणा ने भी घेरा सरकार को

वहीं सचिन पायलट खेमे के माने जाने वाले राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और विधायक हरीश मीणा ने भी गहलोत सरकार को कानून व्यवस्था और पेपर लीक मामले में जमकर घेरा। पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक हरीश मीणा ने कहा कि राजस्थान में ही पेपर लीक और इंटरनेट बंद क्यों होता है, यूक्रेन में युद्ध के बीच भी इंटरनेट चालू है और हमारे यहां परीक्षा होते ही नेट बंद कर देते हैं।

हरीश मीणा ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इंटरनेट को बंद कर देती है। राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी अपने ऊपर दर्ज हुए मुकदमे के मामले को उठाते हुए कहा कि मेरे ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है जिस पर विपक्षी सदस्यों ने भी हंगामा करते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया।

डैमेज कंट्रोल भी नहीं आया काम
इधर अपने विधायकों में बढ़ रहे असंतोष को देखते हुए बजट सत्र के दौरान डैमेज कंट्रोल करने और विधायकों की नाराजगी दूर करने का जिम्मा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को दिया था। दोनों ही नेताओं ने असंतुष्ट विधायकों से चर्चा करके उनकी नाराजगी दूर करने का आश्वासन दिया था लेकिन बावजूद इसके डैमेज कंट्रोल कोई काम नहीं आया और सदन में सरकार को अपने ही विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ी।

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