समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने ओपीएस और राइट टू हेल्थ बिल के लिए लिखे गए आर्टिकल का जिक्र किया। गहलोत ने कहा कि उन्होंने क्यों ऐसा लिखा मुझे पता नहीं शायद उनका कोई काम नहीं हुआ होगा। लेकिन मैं इतना कहना चाहूंगा कि मैं ओपीएस और आरटीएच को कामयाब करके दिखाऊंगा। हमारी सरकार ने आरटीएच और ओपीएस योजना बड़े साेच-समझकर पेश की है। लेकिन मुझे दुख होता है कि पनगढ़िया के ओपीएस और राइट टू हैल्थ के खिलाफ आर्टिकल है। गहलोत ने नेशनल मेडिकल कमीशन और केन्द्र सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा नेशनल मेडिकल कमीशन के नियम इतने कड़े है कि जब राजस्थान के परिपेक्ष में देखता हूं तो बहुत शर्म आती है। उदयपुर में आपकी टीम आ रही है तो आपको सबकुछ अच्छा दिखाने के लिए डॉक्टर्स की टीम वहां भेजनी पड़ती है। जब बीकानेर पहुंचती है तो फिर वहां भी सबकुछ ठीक दिखाने के लिए डॉक्टर्स की टीम भेजनी पड़ती है, लेकिन सच्चाई ये है कि वहां ठीक कुछ नहीं चल रहा। आज डॉक्टर्स, स्पेशलिस्ट की कमी है सब जानते है।
इससे पहले चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि आज जो यहां से डॉक्टर बनकर जा रहे है उनको अपना चिकित्सक धर्म याद रखना चाहिए। किसी के प्राण बचाना ही आपका सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने रामायण में लक्ष्मण जी के घायल होने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब लक्ष्मण जी के चोट लगी थी तब सुषेण वैद्य ने रामजी को लक्ष्मण जी का इलाज करने से मना कर दिया था। तब रामजी ने भी एक ही बात कही थी कि अगर तुम्हारा चिकित्सक धर्म कहता है कि तुम्हें इलाज करना चाहिए तो ही इलाज करें वरना आप चले जाए। तब सुषेण वैद्य ने अपने चिकित्सक धर्म को पहचाना और लक्ष्मण जी का इलाज किया। उन्होंने कहा आज भी डॉक्टर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
दीक्षांत समारोह में किया डिग्री वितरण..
दीक्षान्त समारोह में सुपरस्पेशियलिटी कोर्स डी. एम. के 44 तथा एम. सी. एच. के 55, पीएचडी के 35, यू.जी. कोर्सेज में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले 8 तथा पी. जी. कोर्स में चांसलर्स गोल्ड मेडल हेतु चयनित 143 अभ्यर्थियों सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न छः संकायों के डिप्लोमा, यू.जी. डिग्री, पी.जी. डिग्री, पी.जी. डिप्लोमा, सुपरस्पेशिलिटी कोर्सेज एवं पी.एच.डी. पाठ्यक्रम के कुल 14561 अभ्यर्थियों को उनकी संबंधित उपाधियों की दीक्षा प्रदान की गई।