ऑडियो पर पेपर भेजने वाला युवक दावा कर रहा है कि सभी परीक्षाओं के पेपर उपलब्ध कराएगा। इतनी सख्ती के बाद भी केन्द्र से पेपर बाहर आना विवि प्रशासन की व्यवस्थाओं और परीक्षाओें की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए है। इधर, परीक्षा से 15 मिनट पहले सोशल मीडिया पर पेपर आने के बाद यूनिवर्सिटी मामले में चुप्पी साधे हैं।
विवि प्रशासन ने पेपर लीक नहीं माना है। गौरतलब है कि विवि से करीब साढ़े पांच लाख छात्र जुड़े हैं। इनमें यूजी के करीब दो लाख छात्र हैं। विवि की यूजी परीक्षाएं 16 मार्च से शुरू हुई थी जो 31 मई तक संचालित होंगी। अभी करीब 100 से अधिक पेपर होना बाकी हैं।
विवि का तर्क पेपर लीक नहीं, जबकि हकीकत यह
ऑडियो बातचीत
– छात्र : भाई, आपने जो पेपर भेजा सही है क्या
युवक : हां सही है…
छात्र : कहां से भेजा आपने
युवक : तेरे को क्या मतलब है, काम बता ना..
छात्र : मेरा पेपर है इसीलिए पूछ रहा हूं
युवक : कंफर्म नहीं है तो याद करके जा ना..दवाब थोड़ी हैं…कहां से आया क्या मतलब
छात्र : अगला पेपर भी आ जाएगा क्या
युवक : हां, सारे पेपर आ आएंगे।
छात्र नेताओं के व्हाट्सएप ग्रुपाें में वायरल
परीक्षा से पहले पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल पेपर यूनिवर्सिटी से जुड़े कई ग्रुपों में वायरल होता रहा। इनमें अधिकतर ग्रुप छात्र नेताओं के हैं। छात्र नेताओें से जुुड़े अलग-अलग वाट्सऐप ग्रुपों में हजारों छात्र जुड़े हुए हैं।
सवाल::केन्द्र पर मोबाइल चालू क्यों
परीक्षा के दौरान किसी भी वीक्षक का मोबाइल फोन चालू नहीं रह सकता है। प्राचार्य ने अनुसार परीक्षा शुरू होने से पहले सभी वीक्षकों को मोबाइल फोन बंद रखने की हिदायत दी जाती है। इसके बावजूद वीक्षक ने मोबाइल से फोटो खींच ली और वाट्सऐप पर भेज दी। पेपर सोशल मीडिया पर आने की सूचना मिली है। हम जांच कर रहे हैं। कमेटी बनाई है। जांच के बाद ही निर्णय लेंगे।
– एसएल शर्मा, कंवीनर, एग्जाम प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी