जयपुर।शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत सरकार इस बार बड़ा बदलाव करने जा रही है। निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क दाखिले के लिए अब एससी, एसटी को छोड़कर अन्य वर्गों के लिए आय सीमा के मौजूदा प्रावधान को समाप्त कर नए मापदंड बनाए जाएंगे। इसके तहत नि:शुल्क दाखिले के लिए गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के परिवारों के बच्चों को ही योग्य माना जाएगा। फिलहाल इस कानून के तहत सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग के 2.5 लाख वार्षिक आय सीमा तक के परिवारों के बच्चों को दाखिले योग्य माना जाता है। एससी, एसटी के लिए आय सीमा का प्रावधान नहीं है। नए प्रावधान लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने विधि विभाग से भी विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। बदलाव के तीन बड़े कारण1. आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश आवेदनों की ऑनलाइन लॉटरी निकालकर होते हैं। एेसे में 2.5 लाख आय वाले परिवारों के बच्चे भी चयनित होते हैं। जबकि सरकार चाहती है कि नि: शुल्क दाखिले का पूरा लाभ बीपीएल को मिले।2. शिक्षा विभाग ने इस साल निजी स्कूलों और अफसरों की मिलीभगत के कई मामले पकड़े हैं। स्कूल मनमाना नामांकन दिखाकर फीस पुनर्भरण का लाभ उठाते हैं।3. विभाग का मानना है कि सरकारी स्कूलों में स्तरीय व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके कारण इस साल रिकॉर्ड 8 लाख से अधिक नामांकन बढ़े हैं। एेसे में जरूरतमंद बच्चों को सरकारी स्कूलों में क्यों न शिक्षा दी जाए।पंजाब और केरल का हवालाशिक्षा विभाग ने पंजाब और केरल के उदाहरण सामने रखे। पंजाब में व्यवस्था है कि जहां सरकारी सकूल नहीं हैं, वहां निजी स्कूलों में पढ़ाई का खर्च सरकार उठाती है। केरल में आय सीमा 60 हजार रुपए है।बीपीएल का है पहला हक नि:शुल्क दाखिले का बीपीएल परिवार के बच्चे का पहला हक है। दायरा बीपीएल तक सीमित करने पर विचार हो रहा है। नए सत्र से पहले स्थिति साफ हो जाएगी। वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्रीआरटीई के तहत दाखिलेवर्ष छात्र2012-13 81,7972013-14 2,38,8112014-15 4,36,0702015-16 6,05,160राज्य का बजट और खर्चवर्ष आवंटित बजट खर्च राशि2012-13 50 करोड़ 17.5 करोड़2013-14 85 करोड़ 65 करोड़2014-15 165 करोड़ 120 करोड़2015-16 400 करोड़ अभी प्रक्रिया जारी17,582 रु. प्रति छात्र सरकार का खर्च, 33 हजार निजी स्कूल दायरे मेंहीरेन जोशी