जयपुर

RTH Act Rajasthan: निजी अस्पताल और सरकार के बीच अहम बैठक, इन शर्तों पर हुई बात

जयपुर : स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) अधिनियम के नियम बनाने के लिए निजी अस्पतालों से चर्चा शुरू कर दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राज्य शाखा ने…

जयपुरJun 02, 2023 / 10:09 am

Manoj Kumar

आरटीएच एक्ट के तहत डॉक्टरों और निजी अस्पतालों की भूमिका पर भी आईएमए विस्तार से चर्चा कर रहा है।

जयपुर : स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) अधिनियम के नियम बनाने के लिए निजी अस्पतालों से चर्चा शुरू कर दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राज्य शाखा ने आरटीएच के लिए प्रस्तावित नियमों पर अपने कुछ सुझाव पहले ही सौंप दिए हैं।
डॉ सुनील चुघ, अध्यक्ष, आईएमए (राजस्थान शाखा) ने कहा, अब तक सरकार के साथ दो बैठकें हो चुकी हैं और यह एक सतत प्रक्रिया में है अभी भी और अधिक बैठकें प्रस्तावित हैं। बैठकों में हमने इमरजेंसी की परिभाषा के मुद्दों को उठाया है और किसी भी विषम स्थितियों में एक मरीज को दूसरे अस्पताल में कैसे स्थानांतरित किया जाना चाहिए। जिस अस्पताल में बेड की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में उनके परिवहन के लिए एंबुलेंस का संचालन करेगा। रोगी को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, क्या किया जा सकता है। इस तरह के मुद्दों को हमारे द्वारा उठाया गया है।
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आरटीएच एक्ट के विरोध में 17 दिन से चली आ रही हड़ताल को समाप्त करने के लिए 4 अप्रैल को निजी अस्पतालों और राज्य सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू की शर्तों को पूरा करने के लिए निजी अस्पताल और डॉक्टर सुनिश्चित कर रहे हैं कि नियम बनाए जाएंगे। आरटीएच एक्ट के तहत डॉक्टरों और निजी अस्पतालों की भूमिका पर भी आईएमए विस्तार से चर्चा कर रहा है।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य के अधिकार ( आरटीएच ) अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए नियम बनाने के लिए आंतरिक बैठकें शुरू कर दी हैं। चूंकि राजस्थान आरटीएच अधिनियम को लागू करने वाला पहला राज्य है।
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क्या है आरटीएच
राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां लोगों को शिक्षा, खाद्य के बाद अब स्वास्थ्य का अधिकार मिलेगा। इस बिल के पास होने से मतलब है कि राज्य का कोई भी नागरिक बीमार होता है। उसे राज्य की सरकार और चुनिंदा प्राइवेट हॉस्पिटल को इलाज देना होगा। अगर उस व्यक्ति के पास पैसे नहीं हैं। फिर भी सरकार की ओर से इसके इलाज का खर्चा उठाया जाएगा। फिलहाल फ्री इलाज की सुविधा केवल सरकारी हॉस्पिटल में है। अगर आपातकालीन स्थिति में कोई मरीज या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में भी पहुंचता है। उसे उस हॉस्पिटल की इमरजेंसी में प्राथमिक और जरूरी इलाज दिया जाएगा। इसके लिए अगर व्यक्ति हॉस्पिटल को पैसे नहीं देता है। उसका खर्चा राज्य सरकार अपने कोष से देगी।

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