इधर, विरोध को नजरअंदाज कर शिक्षा विभाग आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया को पूरी कर रहा है। लॉटरी निकालने के बाद बच्चों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे। लेकिन विवाद के कारण अभिभावक प्रवेश के लिए स्कूलों के चक्कर काटेंगे। जाहिर है कि शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों के विवाद के बीच बच्चे पिसेंगे।
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क्या है विवादशिक्षा विभाग ने 2023-24 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं और प्रथम कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश लिए। लेकिन आरटीई का भुगतान सिर्फ प्रथम कक्षा में ही देने का फैसला लिया। इसका निजी स्कूलों ने विरोध किया। शिक्षा विभाग के निर्देशों और कार्रवाई की चेतावनी पर निजी स्कूलों ने प्रवेश दे दिया। लेकिन स्कूल अब भुगतान की मांग कर रहे हैं। नए सत्र में फिर से शिक्षा विभाग ने पी-3 में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है, इस बार भी प्री-प्राइमरी कक्षा का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में निजी स्कूलों ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया है।
मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते
गत सत्र जयपुर में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा हंस ने कार्रवाई की। स्कूलों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी शिक्षा निदेशालय भिजवाया। इसके बाद भी शिक्षा विभाग स्कूलों पर एक्शन नहीं ले पाया। अभिभावकों को ही इसका खमियाजा उठाना पड़ा।
गत सत्र जयपुर में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा हंस ने कार्रवाई की। स्कूलों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी शिक्षा निदेशालय भिजवाया। इसके बाद भी शिक्षा विभाग स्कूलों पर एक्शन नहीं ले पाया। अभिभावकों को ही इसका खमियाजा उठाना पड़ा।
जो भी विवाद है उसे निपटा लिया जाएगा। इस बार पी-3 और प्रथम कक्षा में प्रवेश लिए जा रहे हैं। बच्चों के हित में जो भी निर्णय होगा, करेंगे।
- मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री राजस्थान
- हेमलता शर्मा, अध्यक्ष स्कूल संघ क्रान्ति