इसके बाद मानवीय इंटलीजेंस ने एक ऐसी खबर दी जिससे पूरी परीक्षा का एक एक पन्ना ही खुल कर सामने आ गया। जिला पुलिस की स्पेशल टीम को अपने मुखबिर से जानकारी मिली की एक चलती हुई बस में करीब 40 लोगों को परीक्षा दिलाई जा रही है। इतना ही नहीं उसका उत्तर पहले से ही लिखकर रखा गया है।
उदयपुर पुलिस ने इस खुफिया जानकारी के आधार पर अपनी कार्रवाई शुरू की। खुफिया सूचना के आधार पर उदयपुर-पिंडवाड़ा सड़क पर दौड़ रही बस को पकड़ा गया और जब तलाशी शुरू हुई तो यह बात पूरी तरह से साफ हो गई। टीम ने तत्काल एसपी को सूचना दी और फिर पूरे प्रदेश में पेपर लीक होने की बात आग की तरह फैल गई।
10 लाख में मास्टरमाइंड ने बेंचा पेपर
बस की छानबीन में ही पता चला कि बस में मिला पेपर हूबहू परीक्षा के पेपर से संबंधित है। इस बस में सात लड़कियों सहित 40 लोग सवार किया था। पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया कि यह पेपर 10 लाख में बेचा गया। एसपी विकास शर्मा ने बताया कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड जालोर में सरकारी टीचर सुरेश विश्नाेई है। वह जोधपुर का रहने वाला है।
किराए पर ली गई बस
पेपर लीक करने वाले सुरेश विश्नोई के शातिर पने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने पूरी बस किराए पर ली थी। उसी में बैठाकर परीक्षा कराने की योजना बनाई। इससे यह बात भी साबित होती है कि जिस केंद्र पर यह छ़ात्र परीक्षा दे रहे थे वह परीक्षा केंद्र भी पूरी तरह से इस खेल में शामिल था। इसके मायने यह हैं कि इसमें कोई रूसूखदार भी हो तो कोई बड़ी बात नहीं।
ऐसे लीक हुआ पेपर
सुरेश विश्नोई के साथ पकड़ा गया उसका एक साथी भजनलाल डॉक्टर है। सुरेश विश्नोई को जयपुर से सुरेश धाका और भूपी सारण ने पेपर भेजा था। इसके बाद सुरेश विश्नोई ने भजनलाल के जरिये सबको पहुंचाया। धाका ने ही वॉट्सऐप के जरिए विश्नोई को पेपर भेजा था।धाका और भूपी को पेपर आरपीएसी के किसी एक व्यक्ति ने ही उपलब्ध कराया।