इसके बाद एसओजी की टीम बाबूलाल कटारा उसके भांजे विजय और चालक गोपाल को गुरुवार को डूंगरपुर लेकर पहुंची। तीनों आरोपियों के साथ दीपेश व गौतम को भी डूंगरपुर वापस ले गई। एटीएस-एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि डूंगरपुर स्थित सुभाष नगर में आरोपी बाबूलाल कटारा के घर पर सर्च की गई।
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अनुसंधान में कुछ तथ्य सामने आए थे, जिनकी तस्दीक के लिए आरोपियों को डूंगरपुर ले जाया गया। कटारा के बेटे व शिक्षक दोस्त से भी पेपर लीक मामले में पूछताछ की गई। गौरतलब है कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने छह पेपर सेट कर एक हफ्ते पहले पेपर के प्रश्न पत्र फाइनल होते ही शेरसिंह के जरिए 60 लाख रुपए में बेच दिया था। यह भी पढ़ें
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60 लाख की बात गले नहीं उतर रहीपुलिस महकमे में पेपर 60 लाख रुपए में बेच दिए जाने वाली बात गले नहीं उतर रही। चर्चा है कि कटारा ने पेपर करोड़ों रुपए में बेचा और इसमें आरपीएससी के अन्य कई लोगों की भूमिका की संदिग्ध लग रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गुरुवार को स्पष्ट किया कि पेपर लीक मामले में चाहे वर्तमान अधिकारी हो या फिर कोई भी। सबूत होने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।