40 लाख में सौदा तय हुआ
सत्यापन में सामने आया कि आरोपियों ने पहले 40 लाख रुपए मांगे। परिवादी ने कहा कि वह इतनी रकम देने में समर्थ नहीं है। इस पर मामला 25 लाख रुपए में तय हुआ । केसावत ने कहा था कि मेरी आरपीएससी में पहुंच है, ओएमआर सीट बदलवा दूंगा। आईजी सवाईसिंह ने बताया कि सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि के बाद शुक्रवार को परिवादी 18.50 लाख रुपए लेकर गया तो अनिल और ब्रह्मप्रकाश ने तत्काल रुपए ले लिए।
आरोपियों ने परिवादी से 50 हजार रुपए गोपाल केसावत को यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन दिलवाए। दोनों आरोपियों ने बताया कि रुपए तो रवीन्द्र को पहुंचाने हैं। रात 12 बजे बाद रवीन्द्र को रिश्वत की यह रकम लेते एसीबी ने पकड़ा। पूछताछ में उसने बताया कि रुपए, ऊपर तक पहुंचाने हैं। उसने गोपाल केसावंत का नाम लिया। केसावत ने 50 हजार रुपए यूपीआई के माध्यम से लिया। इसके बाद अन्य रकम के लिए घर बुला लिया। यहां शनिवार दोपहर उसने रिश्वत में से 7.50 लाख रुपए ले लिए, जिसके बाद एसीबी ने उसे पकड़ लिया।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि एक परिवादी ने 7 जुलाई को शिकायत दी थी कि अधिशासी अधिकारी भर्ती परीक्षा पास करवाने के नाम पर रिश्वत मांग रहा है। इस पर उपअधीक्षक राजेश जांगिड़ ने सत्यापन की कार्रवाई की।
एसीबी उसके आवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही है। गौरतलब है कि केसावत को अध्यक्ष रहते गत कांग्रेसराज में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था।