एक ही जगह लगा रखी थी ड्यूटी
कई जवानों की शिकायत थी कि उन्हें एक ही काम लम्बे समय से दिया जा रहा हैं। ऐसे में उन्हें अलग ड्यूटी नहीं करने को दी जाती है। इस एप के आने से उन सभी लोगों कोे समस्याएं दूर होगी जिनका मानना था कि कई लोग अपने रसूख के चलते ड्यूटियों में फेरबदल करवा लेते हैं ।कई लोग ऐसे भी एक जगह स्थिर हो गए थे रोटेशन प्रणाली से उन्हें काफी मदद मिलेगी। इस एप की सबसे बड़ी खूबी यही कही जा रही है कि इसमें किसी को भी वरीयता नहीं दी गई है, ड्यूटियां सभी के लिए समान रुप से लगाई गई हैं।
कई जवानों की शिकायत थी कि उन्हें एक ही काम लम्बे समय से दिया जा रहा हैं। ऐसे में उन्हें अलग ड्यूटी नहीं करने को दी जाती है। इस एप के आने से उन सभी लोगों कोे समस्याएं दूर होगी जिनका मानना था कि कई लोग अपने रसूख के चलते ड्यूटियों में फेरबदल करवा लेते हैं ।कई लोग ऐसे भी एक जगह स्थिर हो गए थे रोटेशन प्रणाली से उन्हें काफी मदद मिलेगी। इस एप की सबसे बड़ी खूबी यही कही जा रही है कि इसमें किसी को भी वरीयता नहीं दी गई है, ड्यूटियां सभी के लिए समान रुप से लगाई गई हैं।
नए साल पर मिला तोहफा, 14 दिन बाद मिलेगा अवकाश
डीसीपी अरशद अली ने बताया कि जवानों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता हैं। जवानों को हर सप्ताह अवकाश देना संभव भी नहीं है, लेकिन इस एप के आने के बाद पहली बार हमने एक नई पहल शुरु की हैं। इसमें 14 दिन बाद ड्यूटी बदलते ही उन्हें साप्तहिक अवकाश मिलना शुरु हो जाएगा।
डीसीपी अरशद अली ने बताया कि जवानों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता हैं। जवानों को हर सप्ताह अवकाश देना संभव भी नहीं है, लेकिन इस एप के आने के बाद पहली बार हमने एक नई पहल शुरु की हैं। इसमें 14 दिन बाद ड्यूटी बदलते ही उन्हें साप्तहिक अवकाश मिलना शुरु हो जाएगा।