इतना ही नहीं, एनएस पब्लिसिटी ने शहर में कई ऐसी जगह यूनिपोल लगा दिए, जिसकी वजह से निगम की कई साइट्स (बैकलिट टावर) ढक गए हैं। एनएस पब्लिसिटी की मनमानी से निगम को सालाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी निगम के अधिकारी चुप बैठे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इससे अवैध मीडिया को बढ़ावा मिल रहा है।
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सरकारी योजनाओं की जगह लगे निजी विज्ञापन
प्राइम लोकेशन पर डीएलबी की कई विज्ञापन साइट हैं। इन पर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के होर्डिंग लगाए जाते हैं। अभी चुनाव हैं, तो मतदान प्रतिशत बढ़ाने से लेकर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के होर्डिंग लगाए जाने चाहिए, लेकिन कई साइट्स पर निजी विज्ञापन लगे हुए हैं। निगम अधिकारियों से मिलीभगत से इन होर्डिंग्स को व्यावसायिक प्रचार-प्रसार के उपयोग में लिया जा रहा है। इससे न सिर्फ निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
ऐसे पहुंचाया जा रहा निगम को नुकसान
निगम की राजस्व शाखा के अधिकारी एनएस पब्लिसिटी की मनमानी रोक नहीं पा रहे हैं और इसका खमियाजा निगम को उठाना पड़ रहा है। शहर में कई जगह बैकलिट टावर तो लगे हैं, लेकिन वर्षों से इनकी नीलामी नहीं हो पा रही है। क्योंकि इन टावर के आगे एनएस पब्लिसिटी ने अपना यूनिपोल लगा रखा है।