पुलिस अधिकारी संज्ञान लेएडीजी पालीवाल ने कहा कि नए कानूनों के तहत 60 पुलिस एक्ट में यातायात से सम्बंधित विषयों पर एक्शन के लिए थाना और सर्किल स्तर के पुलिस अधिकारियों को विशेष पावर मिली हुई है। सुगम और सुरक्षित यातायात में दुकानों के आगे सामान और अन्य सामग्री का डिस्पले जैसी स्थितियों से जो बाधा उत्पन्न होती है, उन पर पुलिस अधिकारी संज्ञान लेते हुए एक्शन लें।अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को मजबूत बनाते हुए एक्सीडेंट्स में पीडि़तों को तुरंत मदद और राहत दिलाने में योगदान देने वाले नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं और पुरस्कार घोषित किए हैं, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है, नागरिकों की जागरूकता और सजगता से ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
सड़क दुर्घटना परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी के समान
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की शासन सचिव एवं आयुक्त् शुची त्यागी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में किसी नागरिक की मृत्यु सम्बंधित परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी के समान होती है। उन्होंने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए 4 ई के सिद्धांत इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि दुपहिया वाहन चलाने वाले के हेलमेट पहनने और चौपहिया वाहन चलाते समय सीट बैल्ट लगाने की सजगता से ही सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के आंकड़े को घटाया जा सकता है। समापन आज, होंगे पांच सेशन
पहला सेशन- अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी वीके सिंह सडक़ सुरक्षा के बारे में विस्तार से परिचय देंगे।
दूसरा सेशन- सभी हितधारकों के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता विषय पर होगा, जिसके वक्ता मुस्कान फाउंडेशन, जयपुर के डॉ मृदुल भसीन होंगे।
तीसरा सेशन- युवा सहभागिता, सड़क सुरक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण के वक्ता भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान (आईआरएससी) नई दिल्ली के सह-संस्थापक दीपांशु गुप्ता होंगे।
चौथा सेशन- बुनियादी जीवन समर्थन, सीपीआर, दुर्घटना पीडि़तों के लिए सरकारी योजनाओं पर राज्य नोडल अधिकारी (सड़क सुरक्षा) जयपुर डॉ. एलएन पांडे सम्बोधित करेंगे।
पांचवा सेशन-पांचवे व अंतिम सेशन में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम एवं इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के बारे में वरिष्ठ निदेशक (आईटी), एनआईसी राज्य समन्वयक, ई-ट्रांसपोर्ट सेवाएं, जयपुर श्रीपाल यादव प्रस्तुतिकरण देंगे।