दरअसल, जयपुर में वाहनों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। इसी के साथ परिवहन विभाग की ओर से वाहनों की नई सीरीज निकाली जा रही है। 1988 से आरजे 14 नंबर की सीरीज के वाहन शुरू किए गए थे। इस नंबर से अभी तक करीब तीन लाख से अधिक वाहन जारी किए जा चुके हैं। पांच सीटर वाहनों में आरजे 14 नंबर सीरीज खत्म हो चुकी है। हालांकि सात सीटर वाहनों में अब भी आरजे 14 सीरीज के वाहनों के रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं।
एक सीरीज में जारी किए जाते 9,999 नंबर
परिवहन विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। इसके अनुसार ही वाहनों की नई सीरीज जारी की जाती है। एक सीरीज में 9,999 नंबर जारी किए जाते हैं। फिर दूसरी सीरीज जारी की जाती है। इस तरह दोपहिया और चार पहिया वाहनों में अलग-अलग सीरीज से 9,999 वाहनों के नंबर जारी किए जाते हैं।इस तरह बदलती गई वाहनों की सीरीज
- 1988 में शुरू की गई थी आरजे 14 सीरीज।
- दोपहिया और चारपहिया की कॉमन सीरीज जारी की जाती थी।
- 1991 के बाद दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग सीरीज के नंबर जारी किए गए।
- कार और दोपहिया के लिए सीए से शुरू होकर सीजेड तक सीरीज जारी की जाती।
- एक सीरीज में करीब तीन लाख नंबर जारी किए जाते हैं।
दो आरटीओ होने से बदल रही सीरीज
जयपुर में दो आरटीओ होने के कारण भी वाहनों की अलग-अलग सीरीज जारी की जा रही है। जयपुर आरटीओ प्रथम में आरजे 14, आरजे 60 सीरीज के वाहन जारी किए जा रहे हैं। वहीं, आरटीओ द्वितीय में वर्तमान में आरजे 59 सीरीज में वाहनों को नंबर जारी किए जा रहे हैं। आरटीओ द्वितीय कार्यालय जब शुरू किया था तब आरजे 45 सीरीज में वाहन के नंबर जारी किए गए थे। वर्तमान में आरटीओ प्रथम में आरजे 60 सीरीज में नंबर जारी किए जा रहे हैं, जिसमें 8 हजार वाहनों को नंबर जारी किए जा चुके हैं। आरटीओ की ओर से बीएच सीरीज में भी वाहनों के नंबर जारी किए जाते हैं। लेकिन ये विशेष प्रकार के नंबर हैं। यह विशेष तौर से केन्द्रीय कर्मचारियों को जारी किए जाते हैं। निजी कंपनियों के कर्मचारी भी बीएच सीरीज मेें वाहनों के नंबर जारी करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए कंपनी का कार्यालय चार या इससे अधिक राज्यों में होना जरूरी है।
इस नंबर को लेने के लिए 10 लाख तक कीमत के पेट्रोल वाहनों में 8 प्रतिशत टैक्स लगता है। डीजल वाहनों पर 10 फीसदी टैक्स लगता है। वहीं, 10 लाख से अधिक कीमत के वाहनों पर 12 फीसदी टैक्स लगता है। इस नंबर के वाहन देश में किसी भी राज्य में संचालित हो सकते हैं, इनका दूसरे राज्यों का अतिरिक्त टैक्स नहीं लगता। न ही दूसरे राज्यों में जाने के बाद पुन: रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है।
वाहनों की सीरीज जारी
परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार ही वाहनों की सीरीज जारी की जाती है। आरटीओ प्रथम में अभी आरजे 60 नंबर सीरीज संचालित की जा रही है। एक सीरीज में करीब 9,999 नंबर जारी होते हैं।-राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम